अवसाद से होनेवाली मौतों को रोकना संभव
जमशेदपुर (ब्यूरो): आत्महत्या निवारण केंद्र जीवन संस्था द्वारा आदित्यपुर स्थित सेंट्रल पब्लिक स्कूल में के कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्था की उप निदेशक गुरप्रीत भाटिया ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताया। छात्रों को तनाव को समझने और तनाव के कारणों की पहचान करने पर मार्गदर्शन दिया गया। उन्होंने संस्था द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उप निदेशक एम दुर्गा राव ने कहा कि तनाव और चिंता के बाद अवसाद आज के छात्रों के लिए एक आम समस्या बन गई है। दबाव से गुजर रहे युवा
उन्होंने कहा कि युवा खासकर गरीब युवा चार प्रकार के दबाव क्रमश: माता-पिता का दबाव, साथियों का दबाव, शिक्षकों का दबाव और सबसे महत्वपूर्ण रूप से उत्कृष्टता और प्रतिस्पर्धा का खुद के दबाव का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश समय दबाव का सामना करना एक कठिन कार्य बन जाता है और यह तनाव धीरे-धीरे चिंता में परिवर्तित होकर अवसाद में बदल जाता है, जो आत्मघाती विचारों की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि यह माना जाता है कि उचित समय पर इलाज कर तनाव को ठीक किया जा सकता है। अवसाद का इलाज संभव है और समय पर हस्तक्षेप से आत्महत्या को भी रोका जा सकता है। कार्यशाला में 10 वीं क्लास के लगभग 100 से अधिक छात्र और शिक्षक मौजूद थे।