शिक्षा विभाग व स्कूलों के बीच पिस रहे पेरेंट्स
-शिक्षा विभाग के सचिव का स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण फीस माफी पर निजी स्कूलों ने सुनाया निर्णय
-जैक के सचिव का निर्देश निजी स्कूल मानने का बाध्य नहीं, अभिभावक करने लगे फीस का भुगतानजमशेदपुर : निजी स्कूलों में फीस माफी को लेकर चल रही बहस के बीच अभी भी शिक्षा विभाग के सचिव के स्तर से स्पष्ट आदेश जारी नहीं हो पाया है। बल्कि जैक के सचिव की ओर से आदेश जारी किया गया है। यह आदेश निजी स्कूलों को तकनीकी रूप से मान्य नहीं है। इस कारण निजी स्कूलों ने फीस माफी पर अपना निर्णय सुनाया है। फीस माफी पर शिक्षा विभाग एवं निजी स्कूलों में चल रहे इस द्वंद के बीच अभिभावक पिस रहे हैं। अब अभिभावकों को भी लगने लगा है कि फीस तो देना ही होना। इस कारण अभिभावकों ने फीस भी देना प्रारंभ कर दिया है। अप्रैल माह की स्कूल फीस एवं अन्य फीस अपने हिसाब से जमा करने लगे हैं।
डिजिटल फीस वसूलने के लिए दिया गया है आदेशइस वर्ष निजी स्कूलों ने एक नया फीस जोड़ा है। यह है डिजीटल फीस। कक्षाओं के अनुसार इस फीस को एक हजार से दो हजार रुपया प्रति छात्र से लिया जा रहा है। इस फीस को अर्धवाíषक व वाíषक देने का प्रावधान किया गया है। इस फीस को अर्धवाíषक व वाíषक देने का प्रावधान किया गया है। स्कूल यानी ट्यूशन फीस न बढ़ाकर निजी स्कूलों ने इस माध्यम से अभिभावकों से राशि वसूल करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है।
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