बढ़ते बांझपन का प्रमुख कारण प्रदूषण
JAMSHEDPUR: बढ़ते प्रदूषण से जिंदगी तबाह हो जाएगी। दिल्ली से जमशेदपुर सहित पूरे प्रदेश को सबक लेने की जरूरत है।
ये बातें रविवार को ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी सोसाइटी के पूर्व उपाध्यक्ष व हरियाणा सोसाइटी की उपाध्यक्ष डॉ। मनिंदर आहूजा ने कही। मौका था जमशेदपुर ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी सोसाइटी की ओर से बिष्टुपुर स्थित होटल रमाडा में एक दिवसीय सेमिनार का। उद्घाटन महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। एसी अखौरी व सिविल सर्जन डॉ। महेश्वर प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया। डॉ। एसी अखौरी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने से चिकित्सकों को बहुत कुछ जानने का मौका मिलता है। वरिष्ठ चिकित्सकों को अपना-अपना अनुभव शेयर करना चाहिए। डॉ। मनिंदर आहूजा ने कहा कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर महिलाओं के साथ ही पुरुषों में भी संतान उत्पत्ति की क्षमता को घटा रहा है। स्थिति विकट है। पहले अधिकांश महिलाएं बांझपन की चपेट में आती थी लेकिन अब पुरुषों की संख्या भी तेजी से बढ़ा है। पहले उम्र 40 के बाद महिलाएं बांझपन की शिकार होती थी लेकिन अब उनकी उम्र घटकर 30 तक पहुंच गई है।
जिंदगी हो जाएगी तबाहडॉ। मनिंदर ने कहा कि बढ़ते बांझपन का प्रमुख कारण प्रदूषण है। इसपर अगर नियंत्रण नहीं पाया गया तो पूरा जिंदगी तबाह हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बदलाव धीरे-धीरे आता है। अपने घर-परिवार, समाज सभी जगह प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। दिल्ली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज वहां स्कूल से लेकर कार्यालय तक बंद करने की नौबत आ गई है। प्रदूषण का ग्राफ इतना बढ़ गया है कि ऑक्सीजन मिलना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण से शरीर की सेल्स प्रभावित हो रही हैं। जिससे लोगों में हार्मोनल बदलाव आ रहे हैं। मसलन, लोग बांझपन का शिकार हो रहे हैं। जमशेदपुर ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ। वनिता सहाय ने मंच का संचालन किया। सेमिनार में देशभर से 70 महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ शामिल हुए। शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। इस दौरान महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने मस्ती की।
इनकी रही मौजूदगी इस अवसर पर डॉ। मौसमी घोष, डॉ। रुचिता सिन्हा, डॉ। संगीता सिंघल, डॉ। रेणुका चौधरी, डॉ। श्वेता कुमारी, डॉ। वीणा सिंह, डॉ। मंजुला श्रीवास्तव, डॉ। शिखा रानी, डॉ। इंदू चौहान सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थी। 50 फीसद पुरुषों का स्पर्म कमजोरडॉ। मनिंदर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि 1997 से अबतक करीब 50 फीसद पुरुषों का स्पर्म कमजोर हो गया है, जो कि चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण बढ़ते प्रदूषण, शराब का सेवन, पूरी नींद नहीं होना, तनाव, पौष्टिक भोजन नहीं मिलना, शारीरिक व्यायाम सहित अन्य शामिल है। महिलाओं की स्थिति भी करीब-करीब सामान ही है।