स्कूली ऑटो में सेफ्टी का नहीं ख्याल
जमशेदपुर (ब्यूरो): सिटी में ऑटो चालकों की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रही है। उनके द्वारा लगातार बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जब अभियान चलाया जाता है, तब कुछ दिनों तक मामला शांत रहता है, इसके बाद फिर से स्थिति जस की तस हो जाती है। अभी जिला प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है और आगे भी जांच अभियान चलाने की बात कही जा रही है।ठूंस-ठूंस कर बैठाते हैैं बच्चे
जानकारी के मुताबिक शहर में करीब 12 हजार ऑटो हैं। इनमें काफी ऑटो स्कूलों में भी चलते हैं। स्कूली ऑटो हो या सामान्य यात्रियों के ले जाने वाले ऑटो, किसी के भी द्वारा सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता है। ऑटो में यात्रियों के बैठाने की संख्या भी निर्धारित नहीं है। इनके द्वारा ऑटो में बच्चों के ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है, जिससे अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।पैर लटका कर बैठते हैं बच्चे
अभिभावक समय के अभाव के कारण कई बातों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। यही कारण है कि ऑटो चालक पूरी तरह से अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं। ऑटो में पिछली सीट पर बच्चे बाहर की ओर पैर लटका कर बैठे दिख जाएंगे। इसके अलावा ड्राइवर की सीट पर भी छोटे बच्चों को बैठाया जाता है। नहीं होता सेफ्टी रॉडसिटी में कई ऐसे ऑटो हैं, जिनमें सेफ्टी रॉड नहीं है। नियमानुसार एक तरफ सेफ्टी रॉड होना चाहिए ताकि दुर्घटना से बचा जा सके, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। वसूला जा रहा जुर्मानाइसे लेकर एमवीआई द्वारा जांच अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत पिछले दिनों अभियान भी चलाया गया था। जांच देख कई ऑटो चालक दूसरे रास्ते से निकल भागे। हालांकि जांच के क्रम में 16 वाहन जब्त किए गए थे। इनमें से ज्यादातर ने टैक्स भी नहीं भरा था। ऐसे में उनसे पूरा टैक्स भरवाया गया और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में जुर्माना भी वसूला गया। आरटीए और कोल्हान आयुक्त का निर्देश है। खास कर स्कूली बच्चों को ढोने वाले ऑटो के खिलाफ अभियान चलेगा। जांच में सुरक्षा मानकों को देखा जा रहा है। कई ऑटो में सेफ्टी रॉड भी नहीं हैं। कुछ स्कूलों से भी बात होगी ताकि वे अभिभावकों को बताएं कि वे सुरक्षा मानकों पर ध्यान दें। विमल किशोर, एमवीआई, ईस्ट सिंहभूम