CHAIBASA: एक और जहां झारखंड की कुलाधिपति द्रोपदी मुर्मू का सख्त आदेश है कि हर हाल में सभी शिक्षकों को सम्पूर्ण तालाबंदी अवधि का वेतन निर्गत किया जाए, चाहे वे अनुबंध पर ही क्यों न हो। इनके आलोक में कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) ने बीच में ही कार्यालय खोल कर सभी स्थायी शिक्षकों तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया परन्तु घन्टी आधारित शिक्षकों को मार्च का वेतन जारी नहीं किया बल्कि उनका जो फरवरी तक बकाया था वो भी नहीं दिया। जब घंटी आधारित शिक्षको ने अपना लॉकडाउन अवधि का वेतन मांगा तो विश्वविद्यालय ने वहीं पुराना अपना राग अलापा की उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है जब मार्गदर्शन आएगा तो मानदेय दिया जायेगा। घंटी आधारित शिक्षकों का कहना है कि पूरे झारखण्ड में ऑनलाइन पढ़ाने में कोल्हान विश्वविद्यालय पहले पायदान पर है। केवल घंटी आधारित शिक्षकों की वजह से, और उन्हें ही लॉकडाउन अवधि का मानदेय नहीं मिल पा रहा है और उनके सामने भूखे मरने की स्थिति बनी हुई है।

2400 वीडियो हुए अपलोड

अभी तक कोल्हान यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर स्नातक स्तर के लगभग 2400 वीडियो अपलोड हो गए है और स्नातकोत्तर स्तर के लगभग 400 वीडियो अपलोड हो चुके है। इन शिक्षकों के अनुसार इसमें से लगभग 80 प्रतिशत वीडियो घन्टी आधारित शिक्षको द्वारा ही अपलोड किये गए हैं परंतु वेतन मिला उन्हें जिनकी इसमें ज्यादा भागीदारी नहीं थी अर्थात स्थायी शिक्षकों की। जिसने ऑनलाइन मेहनत कर के विडियो बनाया वे शिक्षक लॉकडाउन अवधि के मानदेय से अभी भी वंचित है।

प्रति क्लास छह सौ

ज्ञात हो कि घंटी आधारित शिक्षकों को प्रति क्लास 600 रुपये और माह में अधिकतम 36000 मिल सकते है, परंतु विश्विद्यालय बता नहीं पा रहा है कि लॉकडाउन अवधि में वेतन कितना मिलना चाहिए क्योंकि मार्च माह में कुछ क्लासेस हुई है और अप्रैल में तो कोई क्लासेस नहीं हुई है लॉक डाउन की वजह से। सरकार के निर्देश के अनुसार मानदेय पूरा मिलना चाहिए।

Posted By: Inextlive