नहीं मिल रहे यात्री, बसों के पहिए थमने लगे
जमशेदपुर : साढ़े पांच माह के बाद बसों का परिचालन तो एक सितंबर से शुरु हो गया है, लेकिन यात्रियों की कमी के कारण बसों का परिचालन धीरे-धीरे घटने लगा है। बुधवार को जहां 50 बसों का परिचालन हुआ था। गुरुवार को 40 बसों का ही परिचालन हो सका। एक बस यात्री के इंतजार में दो से तीन घंटे तक मानगो बस स्टैंड में खड़ी रहती है। जब यात्री नहीं मिलते हैं तो बस वापस स्टैंड में लगा दी जा रही है। गुरुवार को रांची, बहरागोड़ा, चाईबासा सहित अन्य क्षेत्र में करीब 40 बसों का ही परिचालन हो सका। इन बसों में दो से चार यात्रियों ने ही सफर किया।
अंतरराज्यीय बसों का परिचालन होने से मिलेगी राहतजमशेदपुर बस ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक उपेंद्र शर्मा ने बताया कि स्कूल, कालेज, कोर्ट बंद है। ट्रेनों का परिचालन भी रद कर दिया गया है। ऐसे में लोकल यात्री यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। अगर सरकार अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शुरु कर दे तो यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ट्रेन का परिचालन होने से टाटानगर में उतरने वाले यात्री बस से रांची व अन्य स्थान पर प्रतिदिन जाते थे। इससे प्रतिदिन 20-30 यात्री ट्रेन के मिल जाते थे। लेकिन अब सब पूरी तरह से बंद हो चुका है। स्थानीय लोग कोरोना के भय से घर से निकलना ही नहीं चाह रहे है। वे जाएं भी तो कहां, किसी रिश्तेदार के घर जा नहीं सकते। घुमने की जगह पर पाबंदी लगी हुई है।
सुनसान पड़ा बस स्टैंड तीसरे दिन मानगो बस स्टैंड सुनसान रहा। एक्का- दुक्का यात्री ही बस स्टैंड में नजर आए। सुबह से शाम तक बस के खलासी, चालक व मालिक स्टैंड में बैठकर यात्री का इंतजार करते रहे.लेकिन जब यात्री नहीं मिले तो मायूस होकर वे भी घर चले गए। आलम यह है कि धीरे-धीरे बसों की परिचालन की संख्या में कम होने लगी है।