लौहनगरी के शेल्टर होम में सुविधाएं जीरो
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JAMSHEDPUR: लौहनगरी में गरीबों और आश्रयहीनों के लिए बनाए गए शेल्टर होम में सुविधा नाम की चीज गायब है। ऐसे में जरूरतमंद लोग रात में ठंड से ठिठुरने के लिए मजबूर हैं। खास बात यह है कि इस ओर प्रशासन का भी ध्यान नहीं है। मानगो बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधा के लिए 54 लाख रुपए से बने शेल्टर रूम का उद्घाटन एक साल पहले हुआ है, लेकिन इसे अबतक नहीं खोला गया है। इससे देर रात बस स्टॉप में आने वाले यात्रियों को लॉज का सहारा लेना पड़ रहा है। दिखी कई अव्यवस्थारविवार शाम दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने छायानगर शेल्टर होम का हाल देखा। मेन दरवाजा खुला मिला, जबकि अंदर कोई नहीं। कमरे में चार से पांच चौकियों में कोई बिस्तर भी नहीं था। पास ही खड़े एक आदमी ने बताया कि सुबह के समय यहां कक्षाएं लगती है। इसके बाद यह खुला ही पड़ा रहता है। उन्होंने बताया कि रात के समय शेल्टर होम में नशेबाजों का जमावड़ा लगता रहता है। जिसकी शिकायत जेएनएसी अधिकारियों से भी की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। किशोरीनगर स्थित शेल्टर होम भी कुछ ऐसे ही हाल में मिला। यहां रह रहे तीन लोग अंधेरे और बिना बिस्तर के ही अपनी रातें बिताते मिले। मानगो निवासी महिला ने बताया कि यहां पर बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं होने से अधेरे में ही रातें बीत रही हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मी कभी-कभी ही आता है। मेनगेट की कुंडी टूटी होने से रात में सुरक्षा का डर बना रहता है।
वर्षो से नहीं हुआ है पेमेंट किशोरीनगर स्थित शेल्टर होम के मैनेजर राजकिशोर ने बताया कि जेएनएसी से सालों से पेमेंट नहीं होने के कारण शेल्टर होम का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि शेल्टर होम में तैनात कर्मचारियों को समय से पेमेंट नहीं हो रहा है। वहीं, अन्य केंद्रों में भी विभागीय अव्यवस्था की वजह से शेल्टर होम का ठीक से संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ठंड में भी गरीबों को आश्रय नहीं मिल रहा है। शहर में यहां हैं शेल्टर होम लौहनगरी में जेएनएसी, एमएनएसी और जुगसलाई नगरपालिका एरिया में नौ शेल्टर होम हैं। ये किशोरी नगर, छाया नगर, कदमा, भुइयांडीह, कुमरूम बस्ती मानगो, सोनारी, बर्मामांइस, जुगसलाई, दाईगुट्टू में स्थापित हैं। शेल्टर होम में मिलने वाली सुविधाएं -कोई भी महिला-पुरुष आधार कार्ड दिखाकर यहां पर शरण ले सकता है।-यहां लेटने के लिए चौकी, बिस्तर, कंबल, टॉयलेट और पीने के पानी की व्यवस्था मिलेगी।
-एक पुरुष चौकीदार के साथ एक महिला चौकीदार तैनात रहेगा। -आश्रयहीनों के खाने की भी व्यवस्था रहती है। इसका पेमेंट सरकार के द्वारा किया जाता है। -लाइटिंग के साथ ही गर्मी में पंखा, पर्सनल लॉकर, बैठक और लाइब्रेरी अनिवार्य है। -सीसीटीवी कैमरा, फायर प्रोटक्शन और फस्ट एड किट की व्यवस्था रहती है। -शेल्टर में रहने वालेलोगों को एक महीने में नियमित चेकअप किया जाना अनिवार्य है। एमजीएम में इलाज के बाद बेटे-बहू घर नहीं ले गए। रहने के लिए कहीं पर भी आश्रय नहीं मिलने से मैं यहीं पर रहती हूं। यहां कोई व्यवस्था नहीं है और अधिकारी हाल खबर भी लेने नहीं आते हैं। -कर्मी दास, किशोरीनगर आश्रय केंद्र, मानगो आश्रय केंद्र में बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं होने से नर्क जैसा जीवन है, लेकिन जीवन तो काटना हीे होगा। सीएम को भी लेटर लिखा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। -शियाराम पातर, टेल्कोशेल्टर होम के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। कर्मचारियों को भेजकर जेएनएसी के अंतर्गत आने वाले सभी शेल्टर होम की जांच कराई जाएगी। इसके बाद जिन शेल्टरों में गरीबों के रूकने की व्यवस्था नहीं है, वहां पर तत्काल व्यवस्था कराई जाएगी।
कृष्ण कुमार स्पेशल आफिसर, जेएनएसी