सिटी से सटे जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के एक इलाके के लोग वर्षों से बिजली की बाट जोह रहे हैं.


जमशेदपुर (ब्यूरो): जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दक्षिणी सुसनीगडिया पंचायत के लोको कॉलोनी, बिरसा टोला, हरिजन बस्ती एवं महतो पाड़ा में लगभग 500 परिवार 50 वर्षों से बसे हुए हैं। क्षेत्र की आबादी करीब 5000 की है, लेकिन उक्त क्षेत्र में बिजली सुविधा उपलब्ध न होने के कारण क्षेत्र के लोग अंधकारमय जीवन जीने को बाध्य हैं। बिजली की व्यवस्था नहींयहां गौरतलब है कि उक्त क्षेत्र के लोगों को रोड, नाली, राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, व्यक्तिगत शौचालय इत्यादि सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन सबसे जरूरी बिजली की सुविधा से वे वंचित हैं। गर्मी और बरसात में यहां के लोगों को काफी परेशानी होती है। गर्मी में वे परेशान रहते हैं तो बारिश में बिजली न होने के कारण कीड़े -मकोड़े और सांप-बिच्छू का खतरा बना रहता है। लालटेन से नहीं मिल रहा छुटकारा


क्षेत्र के लोगों को वोट देने का अधिकार है, लेकिन उन्हें बिजली के अधिकार से वंचित रखा गया है। बच्चे दिया और लालटेन की रोशनी में पढाई करते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। कईयों को आंख की परेशानी भी हो रही है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। स्थानीय लोगों को कहना है कि उन्होंने मुखिया, बीडीओ, डीसी, बिजली जीएम, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री सभी का दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें बिजली का अधिकार नहीं मिल सका है।50 वर्षों से बसे 500 परिवार, जहां की आबादी 3000-5000 है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है क्षेत्र के लोगों को बिजली सुविधा नहीं मिली है.बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। बच्चे दिया की रोशनी में पढ़ाई करते हैं, जिससे उनके आंखो की रोशनी जाने की संभावना बनी रहती है। गर्मियों में एक पंखा तक लोगों को नसीब नहीं हो पाता है। जमशेदपुर जैसे शहर में रहने उपरांत बिजली न होना जिला, राज्य एवं देश के लिए चिंताजनक एवं शर्मनाक है। दुखु मछुआ, संरक्षक, जुगसलाई विधानसभा संघर्ष संघहमलोग जब से यहां है, बिजली की समस्या काफी विकट है। मोमबत्ती जलाकर हमें जीवन गुजारना पड़ रहा है। इससे कफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी हम यहां बचपन से रह रहे हैं। उम्र 50 वर्ष हो गई लेकिन बिजली उपलब्ध नहीं है। जमशेदपुर जैसे शहर में रहने के बाद बिजली समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।संतोष कुमार मुंडा, स्थानीय निवासी

बिजली न होने के कारण जीवन अंधकारमय हो गया है। ढिबरी का उपयोग करना पड़ता है। केरोसिन का का दाम 70-75 रु प्रति लीटर है। हमें काफी तकलीफ होती है। बच्चों को अंधेरे में पढ़ाई करने में भी दिक्कत होती है।शत्रुघ्न मछुआ, स्थानीय निवासी बिजली न होने के कारण बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। मोबाइल चार्ज न हो पाने के कारण बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में काफी दिक्कत हो रही है। बिजली अधिकारियों एवं सरकार से अपील है कि बिजली समस्या का समाधान किया जाए।मदन मछुआ, स्थानीय निवासीहो सकता है कि कुछ एरिया छूट गए हों। उनका लोकेशन लेकर वहां बिजली मुहैया कराने की दिशा में जल्द ही पहल की जाएगी।पी कुमार, जीएम, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive