टाटा मोटर्स कर्मियों को भी बेड की किल्लत
JAMSHEDPUR: टाटा मोटर्स अस्पताल में कोरोना का बेड फुल है। कंपनी के बीमार कर्मचारियों को भी अब अस्पताल में भर्ती होने में परेशानी हो रही है। कारण कि बेड फुल होने की स्थिति में कर्मचारियों को कहां रखा जाएगा, यह एक विकट समस्या बन गई है। ऐसे में टाटा मोटर्स अस्पताल के डॉक्टर बीमार कर्मचारियों को ओपीडी में देखने के बाद उन्हें घर पर ही आइसोलेट होने का सुझाव दे रहे हैं। स्थिति बिगड़ने पर ही अस्पताल में आने की सलाह दी जा रही है। पहले ऐसा नहीं होता था कर्मचारी को अस्पताल में सीधी भर्ती होती थी।
अस्पताल में भर्ती है क्षमता से ज्यादा मरीजटाटा मोटर्स अस्पताल में क्षमता से ज्यादा कोरोना मरीज भर्ती हैं। पहले जहां एक सौ कोरोना का बेड था उसे बढ़कर अब दुगुना 200 किया गया है। लेकिन आज भी अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या दो सौ के पार है। सात-आठ की छुट्टी होती है तो प्रतिदिन 12-14 की संख्या में नए मरीजों का एडमिशन हो रहा है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के समक्ष भी एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
घर पर ही मिल रही मेडिकल सलाहटाटा मोटर्स व उसके अनुषंगी इकाई के कर्मचारियों को अब घर पर ही मेडिकल सलाह दी जा रही है। ओपीडी में डॉक्टर दिखने के बाद उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही समय-समय पर उन्हें एडवाइस लेने की बात कही जा रही है। आज एक सौ से ज्यादा कर्मचारी घर पर ही ओइसोलेट हैं जो मोबाइल के जरिए डॉक्टर से सलाह ले रहे हैं। ऐसे कर सैकड़ों कर्मचारी आज घर पर ही रहकर स्वस्थ हो रहे हैं।