इनामी नक्सली पुलिस की गिरफ्त में
सरायकेला : कोल्हान प्रमंडल क्षेत्र का 10 लाख रुपये का इनामी भाकपा माओवादी दक्षिणी जोनल कमेटी का सदस्य सह कोल्हान में संगठन का एरिया कमांडर महाराज प्रमाणिक उर्फ राज और उसके एक और साथी सरायकेला-खरसावां जिले की पुलिस की गिरफ्त में है। उसके पास से अत्याधुनिक हथियार और कारतूस बरामद किए गए हैं। उन दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है या फिर गिरफ्तारी हुई है, इस पर पुलिस अधिकारी फिलहाल मुंह खोलने से बच रहे हैं। लेकिन यह पुख्ता सूचना है कि वह पुलिस की गिरफ्त में है। उसे गुरुवार दोपहर रांची ले जाया गया वहां उससे पूछताछ की जा रही है।
स्वजनों पर रहा है दबावमहाराज प्रमाणिक मूल रूप से सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ के दारूदा गांव का निवासी है। संभवत: रांची में आत्मसमर्पण करने को लेकर उसपर और स्वजनों पर दबाव रहा है। जिले के एसपी रहे चंदन सिन्हा, मो। अर्शी और कार्तिक एस ने बकायदा महाराज प्रमाणिक नियमित रूप से महाराज के माता-पिता के संपर्क में थे। माता नीलमनी देवी व पिता जरा¨सध प्रमाणिक ने आत्मसमर्पण के लिए पुत्र से आग्रह भी किया था। गौरतलब है कि जून 2019 में महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने सरायकेला के तिरुलडीह के कुकडू हाट बाजार में पांच पुलिसकर्मियों भीड़ के सामने हत्या कर दी थी, हथियार और कारतूस लूट लिए थे।
2008 में गया था जेल महाराज प्रमाणिक वर्ष 2008 में चोरी के केस में जेल गया था। 2009 में वह जेल से छूटा था। जेल से छूटने के बाद वह माओवादी संगठन में शामिल हो गया था। धीरे -धीरे में संगठन में उसका प्रभाव बढ़ता गया। ईचागढ़, नीमडीह, कराईकेला, तिरुलडीह, चौका, कुचाई, सोनुवा, चक्रधरपुर के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र और सारंडा इलाके तक उसकी सक्रियता बढ़ती चली गई। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कई नक्सली ¨हसा को उसने अंजाम दिया। ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों की हत्या की। हथियार और कारतूस लूटे। बारूदी सुरंग विस्फोट को अंजाम दिया। कई बार पुलिस और उसके दस्ते के बीच मुठभेड़ भी हुई लेकिन हर बार वह बचता रहा। बुंडू-चांडिल सब जोन का वह इंचार्ज भी था। भाकपा माओवादी ने संगठन से किया है बर्खास्तमहाराज प्रमाणिक को भाकपा माओवादी ने संगठन से हाल ही में बर्खास्त कर दिया था। महाराज प्रमाणिक पर संगठन विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने का आरोप लगाते हुए उसे जोनल सदस्य पद से भी हटा दिया गया था। वहीं एरिया कमेटी सदस्य बैलून सरदार को भी संगठन से बर्खास्त किया गया था। भाकपा माओवादी दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी थी। विज्ञप्ति में कहा गया था कि महाराज प्रमाणिक ने बीमारी का इलाज कराने के नाम पर बाहर निकलकर संगठन से गद्दारी की। उस पर संगठन का 40 लाख रुपया, एक एके 47 रायफल, 150 गोली, एक 9 एमएम पिस्टल, मोबाइल, टैबलेट और वॉकी-टॉकी लेकर 14 अगस्त को संगठन छोड़कर भागने का आरोप लगाया गया था। प्रवक्ता अशोक ने कहा था कि बीमारी का इलाज कराने का बहाना बनाकर महाराज प्रमाणिक विगत 27 मई और 22 जून को तीन बार बाहर गया था। जहां उसने पुलिस और खुफिया विभाग के बड़े अफसरों से मिलकर संगठन के साथ गद्दारी की और साथियों को मरवाया। भाकपा माओवादी संगठन ने महाराज प्रमाणिक और बैलून सरदार को जन अदालत में सजा देने का भी एलान कर रखा था। संगठन के सदस्यों से दोनों का बहिष्कार करने का फरमान जारी किया था।