असीम मंडल दस्ते के नक्सली को दबोचा
JAMSHEDPUR: मोस्ट वांटेड नक्सली असीम मंडल दस्ते के सदस्य सुभाष मुंडा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पियून बिरहोर को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। अरेस्टिंग के बाद एमजीएम थाना में रख कर पटमदा डीएसपी विजय महतो समेत अन्य अधिकारी दस्ते के संबंध में पूछताछ कर रहे हैं। पीयून बिरहोर घाटशिला थाना क्षेत्र के पुनगोड़ा का निवासी है। बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ नक्सली वारदातों के दो मामले दर्ज हैं। गुरुवार को अपर पुलिस अधीक्षक गुलशन तिर्की ने गिरफ्तार नक्सली पियून बिरहोर को मीडिया के सामने पेश किया।
बड़ाबांकी से गिरफ्तारीबताया गया कि सुभाष मुंडा से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर पुलिस पियून बिरहोर तक पहुंची। उसकी सक्त्रियता गालूडीह, पटमदा और एमजीएम थाना क्षेत्र में रही है। उसे एमजीएम थाना की पुलिस ने बड़ाबांकी इलाके से गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह नक्सल प्रभावित इलाके में पोस्टर चिपकाने का काम करता था। साथी दस्ते लिए राशन-पानी का इंतजाम करना भी उसी के जिम्मे था।
अभियान में मिली सफलतामालूम हो कि पिछले दिनों कोल्हान में नक्सली गतिविधियों व सक्त्रियता पर लगाम लगाने को लेकर कोल्हान डीआइजी राजीव रंजन ने बैठक की थी। इसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों को नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। मंगलवार को पुलिस ने मोस्ट वांटेड नक्सली असीम मंडल दस्ते के सदस्य सुभाष मुंडा को गिरफ्तार किया था। उसपर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
पुलिस को पूछताछ में पियून बिरहोर ने बताया कि जब वह 10 साल का था तब बंगाल के बेलपहाड़ी दस्ते का मदन महतो दस्ते में ले गया था। संगठन में रहकर खाना बनाता था। सामान लाने ले जाने का काम करता था। बड़ा होने पर नक्सलियों ने उसे रायफल चलाने का प्रशिक्षण दिया। उसने बताया असीम मंडल, रामदास मार्डी उर्फ सचिन और मदन महतो के साथ 15 नक्सली हैं। सभी के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। पटमदा, घाटशिला, दलमा पहाड़ क्षेत्र और पश्चिम बंगाल सीमा क्षेत्र में दस्ता सक्रिय हैं। पूरे दस्ते से वह परिचित हैं। हथियार लेकर वह दस्ते में चलता था। सरायकेला-खरसावां इलाके में असीम मंडल और सचिन सक्रियपियून बिरहोर ने बताया कि असीम मंडल, सचिन, मदन मोहन महतो समेत अन्य नक्सली विगत कुछ माह से सरायकेला-खरसावां जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में सक्रिय हैं। वहां संगठन को बढ़ा रहे हैं। वहीं छोटे-छोटे दस्ते पटमदा, घाटशिला, दलमा पहाड़ क्षेत्र और पश्चिम बंगाल सीमा क्षेत्र में दस्ता सक्रिय हैं। पूरे दस्ते से वह परिचित हैं। हथियार लेकर वह दस्ते में चलता था।
पुलिस की गतिविधि पर रखता था निगाह