एन चंद्रशेखरन ने वर्कर्स को दिए पांच सक्सेस टिप्स
JAMSHEDPUR: टाटा समूह बोर्ड के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को समूह के कर्मचारियों को सफलता के पांच मंत्र दिए। इसमें पर्यावरण स्थिरता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्किल डेवलपमेंट, इको सिस्टम और जियो पॉलिटिक्स शामिल हैं।
चंद्रशेखरन गुरुवार सुबह टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय में थे। शताब्दी वर्ष में यूनियन की ओर से उन्हें 2019 के लिए गोल्ड अवार्ड दिया गया। 18 मिनट के संबोधन में चेयरमैन ने कहा कि टाटा समूह और टाटा स्टील अब वैश्विक ब्रांड बन चुका है। कंपनी लगातार नए उत्पाद और नई सेवाएं लेकर आ रही है। इसमें समूह के सभी कर्मचारियों, खासकर टाटा वर्कर्स यूनियन का विशेष योगदान है। जिसके कारण ही हम तरक्की के इस मुकाम पर हैं।अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। महामंत्री सतीश कुमार सिंह ने माइकल जॉन लेक्चरर के विषय की जानकारी दी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने दिया। समारोह में इंटक के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया।
यूनियन ने दिया है अनुभवी नेतृत्व का परिचयचेयरमैन ने कहा कि टाटा वर्कर्स यूनियन हमेशा से अनुभवी (मैच्योर लीडरशिप) नेतृत्व का परिचय दिया है। हर चुनौती का सामना करने में प्रबंधन का सहयोग किया, इसके कारण ही आज हम इस मुकाम पर हैं। मुझे विश्वास है कि हमें भविष्य में भी ऐसा सहयोग यूनियन से मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि 110 वर्ष पुरानी टाटा स्टील और 100 वर्ष पुरानी यूनियन ने जब मिलजुल कर काम किया तभी हम दुनिया के लिए बेंचमार्क बन पाए। उन्होंने कहा कि टाटा वर्कर्स यूनियन मेरे लिए दूसरे घर के समान है। मैं जब भी जमशेदपुर आया, यहां जरूर आया हूं।
अवार्ड पाकर गौरवान्वित हूं : चंद्रशेखरन माइकल जॉन लेक्चर अवार्ड मिलने पर चेयरमैन ने कहा कि मुझे यह सम्मान मिलना, मेरे लिए गौरव की बात है। क्योंकि मुझसे पहले जेआरडी टाटा, डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम और डॉ। जेजे ईरानी को भी यह अवार्ड मिल चुका है। 100 वर्षो तक यूनियन चलाना बड़ी बात : नरेंद्रन टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व की तारीफ की। कहा कि यह बड़ी बात है कि सौ वर्षो तक यूनियन के पूर्व नेताओं ने प्रबंधन के साथ सामंजस्य स्थापित किया और सफलता पूर्वक यूनियन चलाया। यह इत्तफाक ही है कि 21वी शताब्दी में टाटा स्टील, नीदरलैंड स्थित हमारी एक और कंपनी और टाटा वर्कर्स यूनियन ने सौ वर्ष पूरे किए। ये हैं सक्सेस टिप्सपर्यावरण स्थिरता : चेयरमैन के अनुसार एक-दो दशक पहले पर्यावरण स्थिरता पर कोई ध्यान नहीं देता था। लेकिन अब पर्यावरण स्थिरता पर सबसे ज्यादा फोकस है। उन्होंने कहा कि चाहे पानी हो या हवा, हमें भविष्य के लिए बेहतर पर्यावरण छोड़ कर जाना होगा। मुझे खुशी है कि टाटा समूह पहले से ही पर्यावरण के प्रति सजग है। हमारा उद्देश्य केवल मुनाफा कमाना नहीं है, हम पहले से ही पर्यावरण स्थिरता पर ध्यान दे रहे हैं। यदि हमें भविष्य में भी जीवित रहना है तो कार्बन उत्सर्जन को कम करना होगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : देश के सभी सभी उद्योगों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग बढ़ता जा रहा है और यह भविष्य में भी बढ़ेगा। इसका मतलब यह कतई नहीं होना चाहिए कि मशीनीकरण बढ़ने से नौकरियां कम हो जाएंगी। तकनीक हमें गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मैनपावर का रिप्लेसमेंट नहीं समझना चाहिए। स्किल डेवलपमेंट : दो दशक पूर्व किसी कंपनी में जो दक्षता चाहिए थी, वर्तमान समय में वह बदल गया है। हमें 21वीं सदी की सोच के आधार पर दक्ष कर्मचारियों की जरूरत है। प्रबंधन को चाहिए कि युवाओं को समय के अनुरूप स्किल्ड करे।नया इको सिस्टम विकसित करना : चेयरमैन ने कहा कि 21वीं सदी में हमें नया इको सिस्टम विकसित करना चाहिए। बताया कि वर्तमान में एक वाहन निर्माता कंपनी कार बनाती है, फिर से डीलर को देती है और फिर डीलर उसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं। लेकिन नए इको सिस्टम के तहत हमें नया चेन विकसित करना चाहिए। जिससे मैन्युफैक्चर सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच सके।
जियो पॉलिटिक्स पर रखे नजर : किसी भी कंपनी की सफलता के लिए उसे सचेत रहना चाहिए कि वैश्विक परिवेश में किस तरह का बदलाव आ रहा है। बाजार की मांग के अनुसार जब हम उत्पादन करेंगे तो इसका हमें ही फायदा होगा। चंद्रशेखरन ने दिया अंग्रेजी में भाषण टीवी नरेंद्रन सहित चंद्रशेखरन ने भाषण अंग्रेजी में दिया। उन्होंने डेवलपिंग ह्यूमन कैपिटल-की ऑफ सक्सेस (श्रमधन का विकास-सफलता की कुंजी) पर बोले। लगभग 18 मिनट तक उन्होंने अपना पूरा भाषण अंग्रेजी में दिया। लेकिन टाटा वर्कर्स यूनियन के कई कमेटी मेंबरों को यह समझ में नहीं आया। ये रहे उपस्थित वाइस प्रेसिडेंट (सीएस) चाणक्य चौधरी, अवनीश गुप्ता, उत्तम सिंह, एसडी त्रिपाठी, संजीव पॉल, टीक्यूएम एंड स्टील बिजनेस के पूर्व प्रेसिडेंट आनंद सेन, टाटा मोटर्स के प्लांट हेड विशाल बादशाह, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट के एमडी नीरज कांत सहित अन्य।