गैजेट से बढ़ी यारी सेहत पर न पड़ जाए भारी
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: लॉकडाउन से फिजिकल डिस्टेंसिंग तो हुई है लेकिन इलेक्ट्रॅनिक गैजेट टीवी, मोबाइल से लोगों की दोस्ती भी इन दिनों बढ़ गयी है। ऐसे में लोग अपने घरों में ही मोबाईल, लैपटॉप, टीवी व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं। वे इन गैजेट के ज्यादा उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में सजग नहीं हैं। मोबाइल लैपटॉप आदि का इस्तेमाल करते समय सही पोश्चर नहीं रखने से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। सहीं तरीके से न बैठने के कारण गर्दन के आसपास दर्द होने लगता है। लेटकर व अंधेरे में मोबाइल यूज करने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस तरह के गैजेट का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कंप्यूटर पर काम करते बरतें सावधानीडॉ सौरभ चौधरी बताते हैं कि वर्क फ्रॉम होम कल्चर में लोग आलस के कारण सही तरीके से नहीं बैठ रहे हैं। इस कारण लोगों की रीढ़ की हड्डी और गर्दन के हिस्से में दर्द की परेशानी होने लगी है। उन्होंने मोबाइल का प्रयोग करते समय गर्दन को ज्यादा देर नीचे झुकाकर रखने के कारण सिर का पूरा भार गर्दन पर पड़ने की बात कही, जिससे हड्डी में गैप होने के कारण दर्द होने लगता है। कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हुए हर दो घंटे के बाद एक ब्रेक जरूर लेना चाहिए। मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते वक्त एक ही पोजीशन में नहीं बैठना चाहिए।
20-25 मिनट पर लें ब्रेक आई स्पेशलिस्ट डॉ सीबीपी सिंह बताते है कि कंप्यूटर या लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए। अभी सब लोग घर पर हैं तो लैपटॉप व मोबाइल पर ज्यादा समय दे रहे हैं। ऐसे में एक चीज का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि हर 20 से 25 मिनट पर बे्रक लें। लगातार स्क्रीन पर नहीं देखें। कंप्यूटर या लैपटॉप का स्क्रीन आंखों से 15 डिग्री नीचे होना चाहिए। उन्होने बताया कि कभी भी टीवी और मोबाइल का इस्तेमाल डिम लाइट में न करें। इस तरह के गैजेट का इस्तेमाल हमेशा पर्याप्त रोशनी में ही करना चाहिए। इस समय दिनभर में चार से पांच बार अच्छे से साबुन से हाथ और मुंह धोए बुजुर्ग भी टेक्नोलॉजी के दीवानेस्मार्ट फोन ने उम्र की सीमा पार कर ली है। बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक हर कोई किसी न किसी रूप में स्मार्ट फोन से जुड़ा है। मैसेज और चैटिंग से लेकर वीडियो कॉलिंग तक फोन के इस्तेमाल ने दूरियों को मिटाने में भी भूमिका निभायी है। आज की तारीख में स्मार्ट फोन की टेक्नोलॉजी ने घर के बुजुर्गो को भी अपना दीवाना बना लिया हैं। ऐसा होने की वजह भी है, क्योकि इ टेक्नोलॉजी ने उन्हें अपनों के करीब आने में मदद की है। स्मार्ट फोन पर अंगुलियां फेरकर पलक झपकते ही कहीं दूर देश बैठे आमने-सामने बैठकर बात करने का सुख मिल जाता हैं।
.ग्रुप बॉक्स खुशी में छिपी खतरे की आहट चेहरे पर खुशी के पल ला रहे स्मार्ट फोन अपने साथ कुछ खतरे भी लेकर चलते हैं। विशेषज्ञ अक्सर यह बात बताते है कि बच्चों को फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बचाना चाहिए। फोन पर ज्यादा वक्त बिताना उनके शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए अच्छा नही है। इसके अलावा अगर फोन की लत लग जाये तो बच्चों की सेहत को और भी नुकसान पहुंच सकता है। यह लत उनके मानसिक विकास में भी बाधक हो सकती है। बढ़ सकती हैं परेशानियांलगातार मोबाइल फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर का प्रयोग करने से हमारी आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है। वहीं एक ही पोजिशन में बैठे रहने से कार्पल टनल, बैकपेन, नस से जुड़ी परेशानियां, नींद कम हो जाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि लैपटॉप पर लगातार काम करने से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो सकती हैं। जब हम कुछ मजेदार या नया देखते हैं तो डोपामाइन हॉर्मोन का निर्माण होता है, लेकिन इसकी दूसरी प्रतिक्रिया भी होती है। दरअसल, डोपामाइन एक न्यूरोकेमिकल भी होता हैं जिसका संबंध एडिक्शन से है और एक तरह का रिवॉर्ड केमिकल भी होता है। न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि बच्चे जब कंप्यूटर गेम्स खेलते हैं तो उसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
। इनका रखें ध्यान -जब फोन लगा हो या उसकी बैटरी लो हो रही हो तो उस दौरान बात करने से बचें। -कुछ लोगों को मोबाइल पर अधिक सयम बात करने की आदत होती है। बातचीत को छोटा करने का प्रयास करें। -लैपटॉप के लिए टेबल का उपयोग करें । वर्जनलॉकडाउन में मोबाइल, कंप्यूटर तथा लैपटॉप का यूज बढ़ गया हैं। इस का तो इ़फेक्ट बॉडी पर पड़ेगा ही। नेकपेन और बैकपेन की समस्या बच्चों और यंग, एडल्ट में बहुत ज्यादा आ रही है, जो समस्या पहले के लोगों में एक निश्चित एज के बाद आती थी, वो अब यंगस्टर्स में भी दिख रही है। इस समस्या से बचने के लिए सही पोश्चर का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। लगातार काम न करते हुए कुछ घंटे पर बे्रक जरूर लें। मोबाइल चलाते समय अधिक देर तक गर्दन नीचे झुकी न रहे, इसका ख्याल रखें।
-डॉ सौरभ चौधरी, हड्डी रोग विशेषज्ञ बच्चों और एडल्ट में लॉकडाउन के बाद से आंखों की समस्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। अंधेरे कमरे में मोबाइल या फिर लैपटॉप इस्तेमाल करने से बचें। कंप्यूटर या लैपटाप को आंखों से दूरी बनाकर रखें। स्क्रीन पर 20 से 25 मिनट के कॉन्टैक्ट के बाद एक मिनट का बे्रक लें। आंखों में किसी तरह की परेशानी हो या फिर ज्यादा पानी आ रहा हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। -डॉ सीबीपी सिंह, एचओडी, एमजीएम अस्पताल