एमजीएम बनेगा ई-हॉस्पिटल
JAMSHEDPUR : अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द ही महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का कायाकल्प हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बनने के बाद केके सोन पहली बार गुरुवार को शहर पहुंचे। निर्धारित समय आठ बजे वे सर्किट हाउस पहुंच गए। इसके बाद 8.15 बजे डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस दौरान पूरे कॉलेज की स्थिति से अवगत हुए और 500 बेड के बन रहे अस्पताल का जायजा लिया। इसके बाद 10.20 बजे एमजीएम अस्पताल पहुंचे। यहां कांफ्रेंस रूम में सभी विभागाध्यक्ष चिकित्सकों के साथ बैठक किया और उनके विजन को जाना। साथ ही सचिव ने अपना विजन भी स्पष्ट कर दिया।
नई सोच के साथ बढ़ें आगेउन्होंने कहा कि समय के साथ सभी को बदलने की जरूरत है। नई सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। एमजीएम को ई-हॉस्पिटल बनाने का प्रयास तेज हो। ताकि इसके जरिए मरीज का इलेक्टॉनिक मेडिकल डाटा रिकार्ड दर्ज किया जा सके। इस सॉफ्टवेयर के डाटा में मरीज का एक बार नाम दर्ज होने के बाद वह मरीज देश के किसी भी ई-हॉस्पिटल में उपचार कराने जाएगा तो मरीज को अलग से अपना मेडिकल रिकॉर्ड दिखाने की जरूरत नहीं होगी। ई-हॉस्पिटल से एक बार पर्ची लेने पर मरीज को दो नंबर मिलेंगे। एक यूएचआइडी नंबर और दूसरा इलेक्टॉनिक मेडिकल रिसोर्स होगा। एक नंबर उस हॉस्पिटल के लिए यूनिक होगा। दूसरा नंबर पूरे देश में इस्तेमाल होगा। सचिव सुबह आठ से शाम आठ बजे तक निरीक्षण व मी¨टग करते रहे। इस दौरान सचिव बारीडीह स्थित मणिपाल मेडिकल कॉलेज व परसुडीह स्थित सदर अस्पताल का भी निरीक्षण किया। साथ ही सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक कर चिकित्सा प्रभारियों को अधिक से अधिक केंद्र का निरीक्षण करने को कहा। उसके बाद सर्किट हाउस में भी एक बैठक किया। इस अवसर पर डीसी सूरज कुमार, एमजीएम ¨प्रसिपल डॉ। पीके बारला, सिविल सर्जन डॉ। आरएन झा, एमजीएम अधीक्षक डॉ। संजय कुमार, उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद चौधरी, एसीएमओ डॉ। साहिर पाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ। एके लाल, जुस्को के एमडी तरुण डांगा सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।
बेड से लेकर चादर तक दिखा नयासचिव की आने की खबर दो दिन पूर्व जैसे ही एमजीएम प्रबंधन को मिली तो उनकी अगुवाई की तैयारी में जुट गया। इमरजेंसी विभाग में नया बेड से लेकर चादर तक मरीजों को उपलब्ध कराई गई थी। हर मरीज के बेड पर कंबल भी मौजूद था। इमरजेंसी विभाग में सीनियर डॉक्टर से लेकर नर्स तक राउंड लगाते रहे। मरीजों को कहीं कोई असुविधा नहीं हो इसका विशेष ख्याल रखा गया। जिसे देखकर मरीज भी चौंक गए। आय दिन इमरजेंसी विभाग में एक-एक बेड पर दो-दो मरीज देखने को मिलते थे लेकिन गुरुवार को एक बेड पर सिर्फ एक मरीज ही देखे गए। बाकी मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।
मरीजों की भोजन की राशि जल्द बढ़ेगी सचिव ने कहा कि एमजीएम में भोजन की राशि जल्द बढ़ाई जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर भी भेजा है। फिलहाल भर्ती मरीजों के लिए प्रति मरीज प्रतिदिन भोजन हेतु 50 रुपए मिलता है। जिसे बढ़ाकर 100 रुपए किया जा सकता है। पुलिस वाहन में फर्स्ट एड किट रखने का निर्देश सचिव केके सोन ने पुलिस वाहन में फर्स्ट एड किट उपलब्ध कराने एवं पुलिस कर्मियों को बेसिक ट्रे¨नग का निर्देश सिविल सर्जन डॉ। आरएन झा दिया। सचिव ने कहा कि किसी भी दुर्घटना में फर्स्ट रिस्पॉन्डर पुलिस होती है। ऐसे में आवश्यक है कि उनके पास फर्स्ट एड किट हो ताकि घायल लोगों को कुछ प्राथमिक उपचार मिल सकें। सचिव के ये पांच निर्देश- मार्च तक खुलेगा दो जनऔषधि केंद्र : सचिव ने एमजीएम उपाधीक्षक से जन औषधि केंद्र के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी तक नहीं खुला है। इसके बाद उन्होंने कहा कि जब केंद्र ही नहीं खुला है तो मरीज को दवा कैसे उपलब्ध कराई जाती है। सचिव ने एमजीएम में दो जन-औषधि केंद्र खोलने का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होंने मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया है।
- एक साल से बंद है आयुष्मान योजना : कोरोना के बाद से एमजीएम अस्पताल में लगभग एक साल से आयुष्मान योजना बंद पड़ी है। इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसे सुनकर सचिव भड़क गए और उन्होंने कहा कि इसे तत्काल शुरू किया जाए। एमजीएम में आयुष्मान योजना से संबंधित 35 लाख रुपए पड़ा हुआ है। सचिव ने लाभुकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ मिलने वाली राशि को अस्पताल हीत में खर्च करने का निर्देश दिया। सचिव ने कहा कि अप्रैल माह में जब दोबारा आएंगे तो यह समस्या नहीं सुनने को मिलना चाहिए। - अस्पताल में गंदगी बर्दाश्त नहीं : सचिव अस्पताल में प्रवेश किए तो उन्हें कई स्थानों पर गंदगी दिखा, जिसे देखकर वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में गंदगी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। साथ ही जहां-तहां पड़े कंडम बेड सहित अन्य समानों को भी हटाने का निर्देश दिया।- जर्जर भवन घोषित होगा कंडम : सचिव ने पूछा कि अस्पताल में कितने जर्जर भवन है। उपाधीक्षक ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कई पुराने भवन जर्जर हो चुका है। इसके बाद सचिव ने कहा कि गुरुवार की शाम तक इसका प्रस्ताव बनाकर भेजे, ताकि उसे कंडम घोषित करने के साथ-साथ उस जगह पर नए भवन बनाया जा सके।
- शुरु होगा फीडबैक सिस्टम : सचिव ने एमजीएम अस्पताल में फीडबैक सिस्टम शुरू करने का निर्देश दिया है। कहा-अगली बार जब आऊंगा तो उसे देखूंगा। सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि अपने-अपने विभाग के आगे एक बॉक्स लगाए। ताकि मरीज जब अस्पताल से घर लौटे तो अपना कुछ संदेश छोड़ कर जाए और उसके आधार पर भी सुधार हो।