loksabha election 2024 jamshedpur: सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं, उस पर अमल भी करना होगा
जमशेदपुर (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव में कुछ महीने ही रह गए हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियां कर रही हैं तो लोगों के बीच भी मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस दौरान लोग बेबाकी से अपनी राय रख रहे हैं। राजनी-टी के तहत सोनारी में हुई परिचर्चा में कई बातें सामने आईं। इस दौरान लोगों ने कहा कि नेता केवल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन सामने नहीं आते। चारों तरफ करप्शन का बोलबाला है। नेताओं में नैतिकता तक नहीं रह गई है। ऐसे में राजनीति कोस्वच्छ करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा।
युवाओं का आगे आना होगा
राजनीति में यूथ का आना जरूरी तो है, लेकिन ऐसा होना मुश्किल है। एक तो राजनीतिक पार्टियां ऐसा नहीं चाहती, दूसरे यूथ भी केवल बड़ी-बड़ी बातें ही करते हैं। जरूरत पडऩे पर पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे में अच्छाई की कल्पना करनी ही बेमानी है।
करप्शन खत्म करना होगा
आज हर तरफ भ्रष्टाचार है। प्रज्ञा केंद्र में उन सर्विस के लिए भी पैसे लिए जाते हैं, जो फ्री हैं। यूथ भी वहां जाते हैं, तो विरोध नहीं करते और पैसे दे देते हैं। ऐसे में कैसे करप्शन खत्म होगा।
फायदे के लिए पार्टी बदलते हैं
नेता आज कपड़े की तरह पार्टी बदल रहे हैं। यह सब केवल अपने फायदे के लिए हो रहा है। वे यह नहीं सोचते कि उनके साथ जो कार्यकर्ता थे, उनका क्या होगा। इसके बावजूद कार्यकर्ता अंध भक्त बने हुए हैं। राजनीति में परिवारवाद पूरी तरह से हावी है।
एक थाली के ही चट्टे-बट्टे
नेता आज गलत बातों की भी विरोध नहीं करते। विपक्ष में रहने पर दिकावे के लिए थोड़ा विरोध तो करते हैं, लेकिन अंदर से सभी मिले होते हैं। उनमें आपसी अंडरस्टैंडिंग होती है कि तुम हमारा सपोर्ट करो और जब तुम सत्ता में आए, तो हम तुम्हारा सपोर्ट करेंगे। सभी एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
-नेता केवल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, अमल नहीं करते।
-हर तरफ करप्शन है, इसपर रोक लगे।
-नेता स्वार्थ की राजनीति करते हैं, आम लोगों की नहीं सोचते।
-सत्ता और विरोधी पक्ष केवल लोगों को दिखाने के लिए लड़ते हैं
क्या कहते हैं युवा
युवाओं को जागरूक होने की जरूरत है। केवल बड़ी-बड़ी बातें करने से नहीं होगा। इस पर अमल भी करना होगा। गलत करने वालों विरोध नहीं करेंगे, तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा।
-सिद्धार्थ आर्या
चुनाव के समय ही मतदाता की वैल्यू होती है। उस वक्त उसे जाति और पैसे देखकर नहीं बल्कि अपना भला और कैंडिडेट की छवि देखकर मतदान करना चाहिए।
-साहिल मांझी
-संदीप लोहार दलबदलू नेताओं के कारण कार्यकर्ता हाशिए पर जा रहे हैं। नेता केवल अपने भले की सोच रहे हैं। ऐसे नेताओं को सबक सिखाने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।
-संजय कुमार हम किसी एक पार्टी के लिए लडऩे के तैयार रहते हैं, लेकिन वे केवल अपनी सोचते हैं। गरीब और गरीब हो रहा है, जबकि पैसे वालों के पास ही पैसे आ रहे हैं। इसपर ध्यान देना होगा।
-कुणाल कुमार