जमशेदपुर में पहले की तरह ही चलेगा लॉकडाउन
जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम को ग्रीन जोन घोषित किए जाने पर डीसी रविशंकर शुक्ला ने कहा कि अभी पीठ थपथपाने या खुश होने का समय नहीं है। हम अभी 20 लाख की आबादी में एक हजार लोगों का ही टेस्ट कर पाए हैं, इसलिए इस बात की संभावना बची हुई है कि जिले में कोरोना पॉजिटिव हों। डीसी ने कहा कि हमारे पास बहुत ज्यादा संसाधन नहीं हैं। इसके बावजूद हमें जो भी संदिग्ध लगा, सबकी जांच कराई। चेकपोस्ट पर कड़ाई से जांच की जा रही है। ग्रीन जोन के बावजूद लॉकडाउन का पालन कड़ाई से पालन कराया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे पुलिस या प्रशासन के डर से नहीं, खुद से डरें, अपने परिवार के लिए डरें। जब भी बाहर निकलें, मास्क जरूर पहनें। मास्क पहनकर भी किसी के साथ 20 मिनट से ज्यादा देर तक ना बैठें। इससे संक्त्रमण फैलने की संभावना रहती है। दुकान-बाजार में शारीरिक दूरी का पालन करें। कम से कम दो मीटर की दूरी पर रहें। आप मानकर चलें कि आपके पास खड़ा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है।
घर-घर जाएंगी सहियाडीसी ने बताया कि जिला प्रशासन ने पूरे जिले में कोरोना संदिग्ध की पहचान के लिए सर्वे करा चुका है। इसमें जो आंकड़े मिले हैं, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए सोमवार से सहिया घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। शहर में यही काम सर्विलांस टीम आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के माध्यम से करेगी।
नाम-पता दर्ज करा दें उपायुक्त ने कहा कि बुखार की दवा पर कोई पाबंदी या खरीदने पर सख्ती नहीं है। हम ऐसी दवा खरीदने वाले किसी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई भी नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन हम डाटा बैंक तैयार करना चाहते हैं कि लॉकडाउन के बाद या अभी से कितने लोगों ने सर्दी, खांसी, बुखार या सांस में तकलीफ की दवा खरीदी। यह डाटा तब काम आएगा, जब उस व्यक्ति को कोरोना निकल जाएगा। हमारे पास उसकी हिस्ट्री होगी, इसलिए इससे किसी को पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। सर्वे में बहुत कम लोगों ने बुखार होने की बात बताई, जबकि दवा कई गुणा ज्यादा बिकी है। आने वाले बन सकते हैं चुनौतीउपायुक्त ने कहा कि अभी बाहर से मजदूरों-छात्रों समेत उन सभी लोगों को लाया जा रहा है, जो दूसरे राज्यों में फंसे हैं। हम बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को संदिग्ध मान रहे हैं, क्योंकि ये चुनौती बन सकते हैं। इनमें से कोई भी 14 दिन के अंदर किसी के संपर्क में आया होगा, तो वह कोरोना पॉजिटिव निकल सकता है। यदि वह व्यक्ति क्वारंटाइन में नहीं रहा, तो यहां किसी को संक्त्रमण फैला सकता है। हमें खुद के लिए सचेत रहना है। 15 मार्च के बाद से अब तक 25 हजार लोग जिले में आ चुके हैं।
बाहर जाने को बनेगा पास उपायुक्त ने कहा कि फिलहाल दूर के राज्यों से ट्रेन द्वारा लोगों को लाया जा रहा है, जो वहां फंसे थे। पड़ोसी राज्यों में जिले से बसें भेजी जाएंगी, तो रविवार या सोमवार से वैसे लोगों के लिए पास बनेगा, जो दूसरे राज्य या जिले से आकर यहां फंस गए हैं।