स्ट्राइक से छह करोड़ के कारोबार पर असर
JAMSHEDPUR: भारतीय जीवन बीमा में विदेशी पूंजी निवेश की सीमा को बढ़ाने, एलआईसी का आईपीओ लाने और चार वर्षों से लंबित वेतन पुर्नरीक्षण के त्वरित समाधान की मांग को लेकर गुरुवार को बीमा कर्मचारियों ने हड़ताल की। इसके कारण कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हुआ। बिष्टुपुर स्थित जीवन प्रकाश बि¨ल्डग में इंश्योरेंस इम्प्लाईज एसोसिएशन जमशेदपुर डिविजन, जमशेदपुर डिविजन इंश्योरेंस इम्प्लाईज एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ क्लास वन ऑफिसर्स एसोसिएशन (जमशेदपुर डिविजन) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया (जमशेदपुर डिविजन) के संयुक्त तत्वावधान में कर्मचारियों ने हड़ताल की।
लगेगा गहरा झटकाजमशेदपुर डिविजन इंश्योरेंस इम्प्लाईज एसोसिएशन के महासचिव गिरीश ओझा का कहना है कि वर्ष 1956 में अपने गठन के बाद से ही एलआईसी ने देश के विकास, औद्योगिकीकरण में मुख्य भूमिका निभाई। लेकिन अब सरकार 1938 इंश्योरेंस एक्ट में संशोधन कर बीमा क्षेत्र में पूंजी निवेश की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर रही है। इससे एलआईसी का समाज कल्याण का उद्देश्य समाप्त हो जाएगा। साथ ही इसका प्रतिकूल असर देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ जनता पर भी पड़ेगा। जबकि एलआईसी सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में रेल, सड़क निर्माण, को-ऑपरेटिव हाउ¨सग, विद्युत परियोजना, जलापूर्ति योजना पर न्यूनतम ब्याज दर पर पैसे देती है। लेकिन निजीकरण से देश को इससे नुकसान होगा। एलआईसी अपने मुनाफे का पांच प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार को भी देती है। अगस्त 2020 में मात्र 5 प्रतिशत के अंशदान के हिसाब से एलआईसी ने 2600 करोड़ रुपए दिए हैं इसके बावजूद सरकार इस उद्योग को विदेशी पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है। इससे कमजोर वर्ग को बीमा सुविधा मुहैया कराने में सामाजिक दायित्व को गहरा झटका लगेगा।
इनकी रही मौजूदगी प्रदर्शन के दौरान जीवन प्रकाश बि¨ल्डग के समझ पवन कुमार, एसके पांडेय, अरुण कुमार, अमित कुमार, गिरीश ओझा,वेंकट, अमित मोइति, अपूर्व दत्ता, पूर्वी आदि के नेतृत्व में बीमा कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और हड़ताल में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।