कठिन चीवर दान महोत्सव मना
JAMSHEDPUR: झारखंड प्रदेश बौद्ध मुख्यालय, जमशेदपुर बोधि सोसाइटी की ओर से साकची स्थित बौद्ध मंदिर में रविवार को कठिन चीवर दान महोत्सव मनाया गया। इसमें झारखंड के अलावा ओडिशा और पश्चिम बंगाल के श्रद्धालु भी शामिल हुए। बौद्ध धर्मावलंबियों ने सुबह छह बजे विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। इसके साथ ही महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
सुबह साढ़े छह बजे बजे बौद्ध भिक्षुओं को जलपान कराया गया, जिसके बाद विश्व बौद्ध ध्वजा फहरा कर समारोह की विधिवत शुरुआत की गई। इसके बाद पंचशील प्रार्थना, महासंघ दान की विधि संपन्न हुई। महोत्सव में आए 11 बौध भिक्षुओं ने उपस्थित भक्तों के बीच भगवान बुद्ध का संदेश व उपदेश सुनाया तथा कई तरह के श्लोकों का पाठ किया गया। इस अवसर पर बुद्ध शरणम गच्छामि, धर्मम शरणम गच्छामि से बोध मंदिर का हॉल गूंज उठा। सारे धार्मिक कार्यक्रम बोध गया से आए बोध भिक्षु डॉ। कल्याणप्रिय भिक्षु, पुनानंद भिक्षु, सोमपाल भिक्षु, सत्यानंद भिक्षु, कोलकाता से आए डॉ। रतनश्री भिक्षु, ज्योति उत्तम भिक्षु, दुर्गापुर से आए प्रिय रतन भिक्षु व मंदिर के बोध भिक्षु शीलादर्शी व धर्मादर्शी की देखरेख में आयोजित की गई। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन में बोधि सोसाइटी जमशेदपुर के अध्यक्ष डॉ। मनोज ह्यूमेन, महासचिव प्रदीप बरुआ, उपाध्यक्ष अशोक बरुआ, प्रकाश बरुआ समेत कई पदाधिकारियों व सदस्यों का योगदान रहा।
निकली शोभा यात्रा
दोपहर के वक्त चीवरों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। बौद्ध मंदिर से निकलकर शोभायात्रा साकची गोलचक्कर तक गई, जिसके बाद वापस मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। मौके पर शहर और बाहर से आए बौद्ध धर्मावलंबी शामिल हुए। शोभा यात्र के बाद मंदिर परिसर में धर्मसभा हुई। इसमें बोधगया से आए डॉ। कल्याणप्रिय भिक्षु ने कठिन चीवर दान के महत्व की जानकारी दी। बताया कि वर्तमान में विश्व में घट रही घटनाओं पर नजर डालें तो लगता है कि अब बुद्ध के बताए संदेश को अपनाने के अलावा दूसरा कोई मार्ग नहीं है। यदि हम सचमुच विश्व शांति की कामना करते हैं, तो 'बुद्धं शरणम गच्छामि' को चरितार्थ करना होगा। धर्मसभा को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। श्रद्धालुओं ने किया चीवर दान कठिन चीवर दान उसी बौद्ध विहार में होता हैं, जहां बौद्ध भिक्षुक वर्षा वास किए हो। जमशेदपुर बौद्ध मंदिर में दो भिक्षुओं ने वर्षा वास किया था। बौद्ध धर्म में कठिन चीवर दान को अति पवित्र एवं महा दान माना गया है। इसके तहत श्रद्धालु बौद्ध भिक्षुओं के लिए विशेष रूप से तैयार वस्त्र का दान करते हैं। रविवार को यहां 165 से अधिक श्रद्धालुओं ने भिक्षुओं को कठिन चीवर दान कर पुण्य अर्जित किया।नए द्वार का हुआ उद्घाटन
चीवर दान महोत्सव के दौरान रविवार को मंदिर परिसर में बने नए गेट का उद्घाटन राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य अचिंतम गुप्ता ने किया। महोत्सव के दौरान समाज के दो बुजुर्ग महिला परसुडीह की अंगूरवाला बरुआ और कदमा की सविता बरुआ को सम्मानित किया गया। दोनों महिला पूजा-पाठ में विशेष रूप से योगदान देते रहे हैं। वहीं बाराद्वारा निवासी ज्योति बरुआ ने बौद्धि सोसाइटी को 1.5 लाख रुपये दान किए। उनके पति बैंक में अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।