जूनियर डॉक्टर की जारी रही हड़ताल
-बीमार बच्चों के आने पर इमरजेंसी में नहीं पहुंचे जूनियर डॉक्टर
-जूनियर डॉक्टर की जारी रही हड़तालJAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी जारी रही। इसके कारण ओपीडी में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि उनके मद में प्रतिवर्ष चार करोड़ का आवंटन उपलब्ध कराया जाता है, मगर हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह समस्या बार-बार उत्पन्न हो रही है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के एक प्रतिनिधि मंडल ने ट्यूज्डे को भी अधीक्षक से मुलाकात की। वहीं अधीक्षक ने भी जूनियर डॉक्टर्स के बीच आकर समझाने की कोशिश की। मगर जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। जेडीए के सचिव डॉ। पंकज कुमार ने कहा कि थर्सडे तक अगर उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ तो वह पूरी तरह से ओपीडी बंद करने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ। चंद्रशेखर महतो, उपाध्यक्ष डॉ। जयंतो, डॉ। समीर, डॉ। राम प्रवेश सिंह, डॉ। देव महतो, डॉ। अंकुर उपाध्याय, टीके मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
-------------------- भड़के अधीक्षक, इमरजेंसी में भी नहीं पहुंचे जूनियर डॉक्टरएमजीएम हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में जब एक साथ डेढ़ सौ बच्चे पहुंचे तो सभी का पसीना छूटने लगा। इस दौरान एक भी जूनियर डॉक्टर नहीं पहुंचे। इसके कारण अधीक्षक डॉ। आरवाई चौधरी भड़क उठे। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर पेनड्रॉप पर हैं, इसका यह मतलब नहीं हुआ कि वह इमरजेंसी की स्थिति में भी हॉस्पिटल से अनुपस्थित रहें। इसे गंभीरता से लेते हुए अधीक्षक ने सभी जूनियर डॉक्टर्स की तीन दिन की सैलरी काटने का निर्देश दिया।