जेपीएससी की परीक्षा में शामिल होने की फीस मात्र सौ रुपए
JAMSHEDPUR: झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होनेवाले हजारों अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। जेपीएससी ने राज्य सरकार के निर्देश पर निर्धारित परीक्षा शुल्क घटा दिया है। अब अभ्यर्थियों को मात्र सौ रुपये ही शुल्क देने होंगे। इससे इतर अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को इस मद में महज 50 रुपये ही देने होंगे। दरअसल, झामुमो ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सौ रुपये ही परीक्षा शुल्क लेने की घोषणा की थी।
अधिसूचना जारीबताया जाता है कि झामुमो की घोषणा को केंद्र में रखकर राज्य सरकार ने जेपीएससी को परीक्षा शुल्क घटाने का निर्देश दिया था। जेपीएससी ने शनिवार को इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने के लिए अनारक्षित, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को 600 की जगह अब मात्र 100 रुपये ही परीक्षा शुल्क देने होंगे। वहीं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा आदिम जनजाति के अभ्यर्थियों को 150 रुपये की जगह 50 रुपये इस मद में देने होंगे। परीक्षा को लेकर जारी विज्ञापन की अन्य शर्तें पूर्व की तरह ही लागू होंगी। बता दें कि 252 पदों के लिए होनेवाली इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 15 फरवरी से ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे।
सभी परीक्षाओं में होगा लागू परीक्षा शुल्क में राहत न केवल संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होनेवाले अभ्यर्थियों को मिलेगी, बल्कि यह राहत झारखंड लोक सेवा आयोग तथा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा भविष्य में आयोजित होनेवाली सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी मिल सकती है। राज्य स्तरीय अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में यही शुल्क होगा। इस संबंध में राज्य सरकार आदेश जारी कर सकती है। झामुमो के घोषणा पत्र में यह भी कहा गया था कि सभी जाति एवं धर्म के गरीब छात्रों को राज्य सरकार में नियुक्ति के लिए होनेवाली प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए कोई परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा। झामुमो का घोषणा पत्र मेरे लिए वचन पत्र है। इसे अक्षरश: पालन करने के लिए हम कृतसंकल्पित हैं। चाहे वह जेपीएससी का विषय हो या स्थानीय नीति का, आरक्षण बढ़ाने की बात हो अथवा अनुबंधकर्मियों की, सभी का समाधान मुझे करना है। हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री --------