वीमेंस कॉलेज की अनियमितता की शिकायत राजभवन को
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में विज्ञान के उपकरण, अन्य सामग्रियों की खरीद में हुई अनियमितता तथा साफ-सफाई मामले में विश्वविद्यालय के निर्देश का उल्लंघन कर काम करवाने मामले में दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग छात्र आजसू ने की है। वीमेंस कॉलेज में वर्तमान में हुई अनियमितता की शिकायत का मामला राजभवन तक पहुंच गया है।
राजभवन को भेजी गई ई-मेल राजभवन को भेजी गई ई-मेल में छात्र आजसू की ओर से बताया गया है कि कॉलेज ने विश्वविद्यालय के निर्देश की प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर विज्ञान के उपकरण मद में 14 तथा साफ-सफाई मद में 11 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय की टीम ने इस संबंध में जांच की है। जिसकी रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जानी है। रिपोर्ट में इस मामले में किसी न किसी पदाधिकारी को दोषी अवश्य ठहराया जाएगा। नहीं की गई है कार्रवाईछात्र आजसू ने आशंका जताई है कि पहले भी विश्वविद्यालय ने कई मामलों की जांच पूरी की थी, पदाधिकारी भी दोषी पाये गए थे, लेकिन अब किसी भी एक पदाधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। कोल्हान विश्वविद्यालय जांच रिपोर्ट समर्पित होने के बावजूद कार्रवाई न कर भ्रष्टाचार का बढ़ावा दे रहा है। छात्र आजसू के कोल्हान अध्यक्ष ने राजभवन को भेजी गई ई-मेल में कई जांच रिपोर्ट का जिक्र किया है, जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। छात्र आजसू ने मामलों में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करते हुए दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
इन जांच रिपोर्ट का है जिक्र 1. वीमेंस कॉलेज में कुछ वर्ष पहले एक कॉमर्स के शिक्षक पर प्रश्न पत्र लीक करने और अपने कोचिंग के छात्रों को उपलब्ध कराने का मामला प्रकाश में आया था। कार्रवाई के नाम पर उस शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन फिर से उसे वीमेंस कॉलेज में पदस्थापित कर दिया गया। 2. पिछले साल ग्रेजुएट कॉलेज में बीएड के नामांकन में अनियमितता बरती गई। कम अंक वालों का नामांकन कर दिया गया। मामले की जांच भी हुई, लेकिन कार्रवाई नहंी। 3. सिंडिकेट ने वित्तीय घाटा का मामला पकड़ा, लेकिन संबंधित दोषी पदाधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 4. भवन निर्माण में भी व्यापक अनियमितता बरती गई। खासकर को-ऑपरेटिव कॉलेज और एबीएम कॉलेज में। जांच भी पूरी हुई। कार्रवाई शून्य। 5. को-ऑपरेटिव में बीएड नामांकन घोटाले की जांच भी ठंडे बस्ते में। जांच पर जांच। नहीं हुई कोई कार्रवाई।6. पीएचडी में अनियमितता को लेकर भी कई सवाल खड़े गए। पदाधिकारियों को इधर से उधर किया गया। शो-कॉज किया गया। इसके आगे कार्रवाई कुछ नहीं।
7. को-ऑपरेटिव कॉलेज समेत तमाम कॉलेज में पुस्तक खरीद मामले की जांच के लिए कमेटी बनी, लेकिन न तो जांच हुई और किसी पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई।