टाटा कॉलेज में इकबाल दुर्रानी को दिया गया सम्मान
CHAIBASA: मैं वह बरगद का पेड़ हूं जिसके साये में आकर कई आगे बढ़ गये। मैं मरना नहीं चाहता इसलिए ¨जदा हूं, मेरी कलम हमेशा लोगों के दिलों में याद रहेगी। जहां-जहां दर्द का पानी है वहां-वहां इकबाल दुर्रानी है। ये बातें टाटा कॉलेज चाईबासा में आयोजित सम्मान समारोह में बालीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक इकबाल दुर्रानी ने कहीं। वे छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टाटा कॉलेज परिसर में पहुंच कर पुरानी यादें ताजा हो गईं। यहां की पढ़ाई, शिक्षकों का आदर सम्मान अछ्वूत था। टाटा कॉलेज का पढ़ा हुआ एक-एक शब्द मेरे जीवन को सफल बना रहा है। गुरु ऐसे थे कि अगर क्लास में आ गये तो कोई हिल नहीं सकता था। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। बच्चों को डांट लगा दो तो अभिभावक शिक्षकों को डांट लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज के हर कार्यक्रम में हम लोग शामिल होते थे। पढ़ाई करते थे, लेकिन शरारत भी खूब करते थे। शिक्षक डांटते थे लेकिन प्यार भी बहुत करते थे।
कभी नहीं भूल सकताइकबाल दुर्रानी ने कहा कि आज जिस प्रकार बच्चों ने सम्मान और प्यार दिया है यह मेरे जीवन में बहुत स्थान रखता है। कॉलेज परिसर में प्रवेश करते ही दिलों में बिल्लियां उझलने लगी, खुशी दिल से महसूस होने लगा। स्वागत मांदर की थाप पर हुई तो दिल बाग-बाग हो गया। जब हो भाषा में आदिवासी बच्चियां स्वागत गीत गा रही थीं, तो मैं सर झुकाए सिर्फ सुन रहा था, मतलब नहीं समझ आ रहा था, लेकिन एक सूर में इतना अच्छा गीत इस क्षेत्र में छुपा हुआ है। इसे मुंबई जैसे इंडस्ट्री में लाने से पूरा देश और दुनियां इसके बारे में जा सकेगा। हो गीत की धुन पर भविष्य में जरूर कुछ अच्छा काम किया जाएगा। दुर्रानी ने कहा कि आगे बढ़ना है तो खूब मेहनत और लगन के साथ आएं, संघर्ष करें सफलता आपके कदम चुमेंगी। मैं जब मुंबई गया था तो वहां मेरे लिये कोई नहीं था, लेकिन आप लोगों के लिए मुंबई में इकबाल दुर्रानी हर राह में खड़ा है।
मचती थी धूमवहीं पुराने सहपाठी गुरमुख सिंह खोखर ने कहा कि टाटा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हर ड्रामा में इकबाल दुर्रानी भाग लेते थे और पहले स्थान पर रहते थे। टाटा कॉलेज में इकबाल की धूम मचती थी। वह औरंजेब एक रात की कहानी लिखी और इसमें अदाकारी भी की। मौके पर कॉलेज के पुराने दोस्त राजेश बिरुवा, गुरमुख सिंह खोकर, शिक्षिका प्रोफेसर कस्तुरी बोयपाई समेत अन्य मौजूद थे। इस दौरान छात्र हरिश महतो ने दो घंटे में इकबाल दुर्रानी की पेंटिंग बनाई। इसके बाद दुर्रानी ने हरिश का गले लगा कर हौसला बढ़ाया। इस दौरान कॉलेज की ओर से उन्हें स्नातक की डिग्री प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया गया। इसके अलावा रवींद्र भवन व परिसदन में विभिन्न संस्थाओं द्वारा इकबाल दुर्रानी का सम्मान किया गया। इस दौरान बच्चों ने खूब सेल्फी भी ली। मौके पर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नितिन प्रकाश, मधुसुदन अग्रवाल, मनोज राउत, पिपुन बारिक, हरिश चंद्र महतो समेत अन्य मौजूद थे।