जागरण फिल्म फेस्टिवल का हुआ शानदार आगाज
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ शुक्रवार की शाम को पीजेपी सिनेपॉलिस बिष्टुपुर में हुआ। इसके साथ ही दैनिक जागरण के पाठकों और सिने प्रेमियों के लिए सजाए गए बेहतरीन फिल्मों के गुलदस्ते की खुशबू से लौहनगरी महक उठी। पहली फिल्म 'ताशकंद फाइल्स' दिखाई गई जो पूर्व प्रधानमंत्री स्व। लाल बहादुर शास्त्री पर आधारित थी।
अतिथियों ने सराहाउद्घाटन समारोह में पाठकों और सिने प्रेमियों को संबोधित करते हुए कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त विजय कुमार ने कहा कि दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल में हर साल सिनेमा प्रेमियों के लिए ऐसी फिल्में लेकर आता है, जो आसानी से आम लोगों तक नहीं पहुंच पातीं। ये बेहतरीन फिल्में जहां मनोरंजन करती हैं, वहीं बहुत गहरे संदेश भी प्रसारित करती हैं। विशिष्ट अतिथि वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने कहा कि फिल्में समाज का आइना होती हैं। कभी फिल्मों से खालिस मनोरंजन होता है तो कभी इन्हीं फिल्मों से समाज को एक दिशा भी मिलती है। दैनिक जागरण के फिल्म फेस्टिवल में मनोरंजक के साथ ही समाज को दिशा देने वाली फिल्में दिखाई जाती हैं। फेस्टिवल दुनिया की तमाम भाषाओं की फिल्मों का गुलदस्ता लेकर आता है।
इन्होंने की शुरुआतजागरण फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ मुख्य अतिथि कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त विजय कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे, ताशकंद फाइल्स फिल्म की हिरोइन श्वेता प्रसाद के पिता जमशेदपुर निवासी अनुज प्रसाद, रजनीगंधा के रीजनल सेल्स मैनेजर बसंत कुमार, करीम सिटी कॉलेज की मास कॉम की विभागाध्यक्ष नेहा तिवारी, समाजसेवी पूर्वी घोष आदि ने दीप जलाकर और माता सरस्वती, दैनिक जागरण के संस्थापक स्व। पूर्णचंद्र गुप्त, पूर्व प्रधान संपादक स्व। नरेंद्र मोहन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया।
बेटी को संभालने में बहुत मदद की फिल्म ताशकंद फाइल्स की हिरोइन श्वेता प्रसाद के पिता व जमशेदपुर के ही रहने वाले अनुज प्रसाद ने बताया कि रूस में जब फिल्म की शूटिंग चल रही थी तब श्वेता भारतीय खाने के लिए बहुत परेशान हो जाती थी। तब मिथुन चक्रवर्ती खुद मछली, दाल व अन्य भारतीय व्यंजन बनाकर श्वेता को खिलाते थे। फिल्म की शूटिंग के दौरान ही श्वेता की शादी तय हो गई। इस वजह से श्वेता असहज हो गई थी। तब मिथुन चक्रवर्ती व नसीरुद्दीन शाह ने बेटी को संभालने में बहुत मदद की। श्वेता ने मंच पर 3.5 साल की उम्र में पहली प्रस्तुति राजेंद्र विद्यालय ऑडिटोरियम में दी थी।