उद्योग व पर्यटन का हब बनाना होगा
जमशेदपुर (ब्यूरो) । झारखंड को बने 22 वर्ष हो गए परंतु आज भी झारखंड उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में आज तक विकसित नहीं हो नहीं हो पाया है। आज से 22 वर्ष पूर्व 3 राज्य एक साथ अलग हुए थे- उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और झारखंड। परंतु आज वे दोनों राज्य के लोगों की परकैपिटा इन्कम और झारखंड के लोगो की परकैपिटा इन्कम में काफी अंतर देखा जा सकता है।जमशेदपुर को मिली पहचान
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि जमशेदपुर शहर को बसे हुये 100 वर्ष से उपर हो चुके हैं। इसे स्टील सिटी की पहचान टाटा स्टील के स्थापना से मिली और यह गांव से शहर बनने की दिशा में आगे बढ़ा। इसे शहर की मान्यता मिलने में वर्षों लग गये.उन्होंने कहा कियहां टाटा स्टील की स्थापना होने से और भी उद्योग लगे.जमशेदपुर को झारखंड ही नहीं देश के एक प्रतिष्ठित शहर के रूप में पहचाना जाने लगा.अविभाजित बिहार और इससे अलग होने के बाद भी झारखंड की औद्योगिक राजधानी के रूप में पहचान मिली।नहीं है मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल
वे कहते हैं कि आज झारखंड मे चिकित्सा हेतु मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल नहीं के बराबर है.इस कारण रोगियों को गंभीर बीमारी के ईलाज हेतु देश के दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है और उनके ईलाज में खर्च होने वाला भारी भरकम रकम दूसरे राज्यों में जाता है। वे कहते हैं कि आए दिन करोड़ो रुपए झारखंड में चिकित्सा का अभाव होने के कारण बाहर चले जाते हैं। अगर झारखंड राज्य में गंभीर बीमारियों के ईलाज हेतु मल्टीस्पेशिलिटि अस्पताल खुले तो रोगियों को ईलाज हेतु देश के दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा और उनके ईलाज में लगने वाला पैसा यहां के विकास में खर्च होगा और रोगियों के समय की बचत होगी। सबसे अधिक राजस्वमूनका ने कहा कि जमशेदपुर एक प्रतिष्ठित शहर के रूप में पहचाना जाता है जो झारखंड की औद्योगिक राजधानी भी है, जहां से झारखंड राज्य को राजस्व की सबसे ज्यादा प्राप्ति होती है। यहां लगभग एक हजार से अधिक बड़े, मध्यम एवं लघु उद्योग स्थापित हैं.लेकिन यहां अबतक हवाई अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके कारण यहां आने-जाने वाले उद्यमियों, व्यापारियों ओर पेशेवरों को हवाई यात्रा करने हेतु दूसरे शहर जाना पड़ता है जो उनके लिये काफी परेशानी वाला और समय की बर्बादी वाला है।नहीं है एयरपोर्ट
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट नहीं होने से जमशेदपुर का विकास लगभग ठहर सा गया है.यहां नये व्यवसाय और उद्योगों की स्थापना नहीं हो पा रही है.औद्योगिक घराने इसके लिये रूचि नहीं दिखा रहे हैं.इस कारण युवा पीढ़ी भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद यहां रोजगार, व्यापार एवं उद्योग नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य विकसित राज्यों की तर्ज पर जमशेदपुर में भी ट्रेडिंग कलस्टर की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि एक ही स्थान पर थोक विक्रेताओं के कार्यालय, गोदाम, लोडिंग-अनलोडिंग की सुविधा, बैंक्स आदि की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध हो।