काशी साहू कॉलेज में पवित्र माटी को किया नमन
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित नमन करो इस माटी को शनिवार को काशी साहू कॉलेज पहुंची जहां कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य अपने सभी शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं के साथ पवित्र माटी को नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित किया। कॉलेज से बाहर शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर जालियावाला बाग की माटी भव्य स्वागत किया गया। शहर के आम नागरिकों एवं युवाओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। शहर के हमनुमान मंदिर चौक पर पवित्र माटी का स्वागत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, धर्म जागरण के मनोज चौधरी एवं गणेश महाली के द्वारा माल्यार्पण कर किया गया। ज्ञात हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जालियांवाला बाग हत्याकांड के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संपूर्ण देश भर में जालियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की याद करते हुए इसे भारतवर्ष के करोड़ों युवाओं के बीच में लेकर जाने का लक्ष्य रखा हैं। 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर स्थित जालियांवाला बाग में बैसाखी के दिन रॉलेट एक्ट जैसे काला कानून के विरोध में शांतिपूर्ण सभा कर रहे देश के स्वतंत्रता सेनानियों पर अंग्रेज सैन्य अधिकारी जनरल डायर ने बर्बरता पूर्वक गोलियां चलाकर एक विशाल नरसंहार किया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश का राष्ट्रवादी छात्र संगठन होने के नाते इस जालियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद देश के हजारों वीर सपूतों की शहादत को याद करते हुए नमन करो इस माटी को कार्यक्रम आयोजित किया है ताकि देश के वर्तमान पीढ़ी के करोड़ों लोग भी इस बर्बरतापूर्ण घटना को जान सके। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजय दास ने कहा कि जलियावालाबाग की घटना बहुत ही अमानवीय घटना थी। इस घटना ने भारत को उधम सिंह जैसा क्रांतिकारी वीर योद्धा दिया जिनके मजबूत संकल्प से जलियावालाबाग हत्यकांड का मुख्य आरोपी जनरल डायर का कब्र खुदा। देश के करोड़ो युवाओं को उधम सिंह के संकल्प से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने जनरल डायर को जान से मारने का संकल्प लेकर लगभग 12 वर्षों तक जलियावालाबाग कि मिटी को अपने बाहों में दबाये रखा था। मौके पर कोल्हान विभाग संगठन मंत्री सुजीत वर्मा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सजल कर्मकार, जिला प्रमुख आलोक दास, जिला संयोजक वकील बारीक, अभिषेक आचार्य विजय दास, लक्ष्मण महतो, र¨वद्र महतो, भास्कर महतो, शंकर महतो, सोनलाल दयामय महतो, रूपेश महतो, जगन्नाथ महतो, रोशन महतो, दिलीप महतो, विशाल पाधिहारी आदि उपस्थित थे।