इस बार भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट तैयारियों में जुटा जमशेदपुर के वीआइपी इलाकों में फोकस आम लोगों की परवाह नहीं.


जमशेदपुर (ब्यूरो): बारिश का मौसम आते ही लौहनगरी मे बीमारियां बढऩे लगी है। इस साल डेंगू के अभी तक कुल छह मरीज सामने आए हैं। इसमें दो का इलाज चल रहा है। एक मरीज टीएमएच तो दूसरा टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती है। जिला सर्विलांस विभाग के अनुसार, बीते साल पूर्वी ङ्क्षसहभूम जिले में डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आए थे। वर्ष 2023 में डेंगू के 1264 और चिकनगुनिया के 80 मरीज मिले थे। जबकि डेंगू से तीन मरीजों की मौत हुई थी। ऐसे में इस साल भी बरसाती बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ सकता है। इससे निपटने को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग तैयारी शुरू कर दी है। जिले का आंकड़ा देखा जाए तो बीते सात साल में डेंगू के 2276 व चिकनगुनिया के 124 मरीज मिले हैं। डेंगू की बढ़ती संख्या ने पिछले साल चार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, पिछले साल डेंगू के 1934 मरीज मिले थे। अभी से ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में इस साल डेंगू के मरीजों के लिए तैयारी की जा रही है। पिछले साल छह जिलों को छोड़कर सभी जिलों में डेंगू के मरीज मिले थे, जिन जिलों में कोई मरीज नहीं मिले उनमें गोड्डा, गुमला, लातेहार, पलामू, रामगढ़ तथा जामताड़ा शामिल थे।नहीं मिलता ठोस रिजल्टवैसे तो शहर में विभिन्न विभागों द्वारा सफाई अभियान चलाया जाता है। इनमें जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी), मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद, जिला स्वास्थ्य विभाग, जिला सर्विलांस विभाग, जिला मलेरिया विभाग सहित कई अन्य विभाग हैं, जो डेंगू और दूसरे मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। इसके बावजूद मच्छरों का आतंक कम नहीं होता। हर साल लोग इस समय मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में आते ही हैं।विभागों की कार्यशैली पर सवालइनमें जेएनएसी, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का काम साफ-सफाई पर ध्यान देना है। इनके द्वारा नालों की सफाई भी करानी है। विभिन्न क्षेत्रों में सफाई भी करवाई जाती है। इसके बावजूद मच्छरों का प्रकोप कम नहीं होता और हर साल लोग डेंगू की चपेट में आते रहते हैं। इसे देख इन विभागों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहा है।स्वास्थ्य विभाग का शुरू हुआ अभियान


सरायकेला-खरसावां जिला में कल से डेंगू और मलेरिया के खिलाफ अभियान शुरू हो चुका है। यहां सरायकेला नगर निगम, आदित्यपुर और कपाली नगर निगम हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की भी इसमें अहम भूमिका रहती है। सिविल सर्जन डॉ। अजय सिन्हा कहते हैं कि सफाई अभियान के साथ ही जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है। इसमें सभी विभाग यथा आंगनबाड़ी, समाज कल्याण विभाग सहित अन्य को शामिल किया जाता है। स्कूलों में भी अभियान चलता है। एक दिन पहले सभी नगर निगम और विभागों के साथ बैठक के बाद अभियान शुरू कर दिया गया है। मच्छरों के लिए उपयुक्त तापमानएडीज मच्छरों के विकास और अस्तित्व में तापमान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनके विकास के लिए इष्टतम तापमान सीमा 25ए सेंटीग्रेड से 30ए सेंटीग्रेड है। जब तापमान 40ए सेंटीग्रेड से अधिक हो जाता है, तो वयस्क मच्छर मर जाते हैं, और अंडे और लार्वा विकसित नहीं हो पाते। इनके लिए बरसात और ठंड का मौसम उपयुक्त होता है। इसलिए इस दौरान इसपर ध्यान देने की जरूरत होती है।डेंगू के महत्वपूर्ण कारक संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। इसमें मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर शामिल हैं। इनमें ज्यादा भूमिका एडीज एजिप्टी की होती है।किस वर्ष कितने मिले मरीजवर्ष : डेंगू2017 - 4572018 - 652019 - 4142020 - 002021 - 382022 - 322023 - 12642024 - 06

बरसाती बीमारियों से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है। वहीं, लोगों को भी सावधान व सतर्क होने की जरूरत है। अगर कोई लक्षण सामने आए तो उसकी जांच कराएं।- डा। जुझार माझी, सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूम मलेरिया और डेंगू को लेकर पैरेलल अभियान चलता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ ही नगर निगम भी काम करता है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। जिला में कल से अभियान भी शुरू हो चुका है।डॉ। अजय सिन्हा, सिविल सर्जन, सरायकेला-खरसावांहम वेक्टर कंट्रोल का अभियान चलाते हैं। यह वायरल बीमारी है। सारे विभाग मिलकर चलाते हैं, ताकि डेंगू का मच्छर कम हो। अभियान के दौरान लार्वा को कंट्रोल करते हैं। संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद अगर मच्छर संक्रमित हो गया तो, वह डेंगू फैलाएगा।डॉ। अनिंद्य मित्रा, डीएमओ, पूर्वी सिंहभूम

Posted By: Inextlive