टाटा ब्लूस्कोप में हुआ ग्रेड रिवीजन
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा ब्लूस्कोप में बुधवार को छह वर्षो के लिए ग्रेड रिवीजन समझौता हुआ। नए समझौते के तहत कर्मचारियों के वेतन में न्यूनतम 10 हजार जबकि अधिकतम 15 हजार रुपये की मासिक बढ़ोतरी की गई है।
टाटा ब्लूस्कोप प्रबंधन और वर्कर्स यूनियन के बीच बुधवार को ग्रेड रिवीजन समझौते पर कंपनी के एचआर कांफ्रेंस रूम में बैठक हुई। कंपनी में कार्यरत 105 कर्मचारियों का ग्रेड एक अप्रैल 2018 से लंबित था। नया समझौता पहली अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2024 तक मान्य रहेगा। नए समझौते पर प्रबंधन से प्रबंध निदेशक रितेन चौधरी, प्लांट हेड आशीष भादुड़ी, महाप्रबंधक, एचआर सुधीर कुलकर्णी, हेड एचआर अभिषेक त्रिपाठी जबकि यूनियन से अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष विजय खां, डिप्टी प्रेसिडेंट कमलेश साहू, उपाध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव, महामंत्री संजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने हस्ताक्षर किए। आइओडी व आइओडब्ल्यू प्रभावीनए ग्रेड समझौते के तहत पहली बार कंपनी में इंज्यूरी ऑन ड्यूटी (आइओडी) व इंज्यूरी ऑन वर्क्स (आइओडब्ल्यू) को प्रभावी किया गया है। इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मौत होती है या वे स्थायी रूप से विकलांग होते हैं तो ऐसे स्थिति में संबधित कर्मचारी को उनके वार्षिक वेतन का पांच गुना उनके आश्रित को दिए जाएंगे।
सौ फीसदी डीए बेसिक में मर्जनए समझौते के तहत कर्मचारियों के सौ फीसदी डीए को उनके बेसिक में मर्ज किया गया है। 31 मार्च 2018 तक कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 2777 रुपये था जिसे उनके बेसिक में जोड़ा गया है। वहीं, डीए परप्वाइंट वैल्यू भी 2.50 रुपये से बढ़ाकर 3.50 रुपये किया गया है।
मासिक वेतन का 35 प्रतिशत फिक्स कंपनी में अब तक किसी कर्मचारी का यदि वेतन 30 हजार रुपये है लेकिन उसका बेसिक पांच से छह हजार रुपये होते थे। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब 30 हजार रुपये के वेतन पर उनका बेसिक 35 प्रतिशत के हिसाब से साढ़े 11 हजार रुपये होंगे। ग्रेड रिवीजन में लगी मुहर -मिनिमम गारेंटेड बेनीफिट में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी। -वार्षिक इंक्रीमेंट वैल्यू 200 से 270 रुपये से बढ़ाकर 275 से 450 रुपये किया गया। -महंगाई भत्ता का शत-प्रतिशत बेसिक में मर्ज। -तीन नए भत्ते लागू। यूनीफार्म मेंटनेंस एलाउंस 400 रुपये। चाइल्ड एजुकेशन एलाउंस 1200 रुपये जबकि चाइल्ड हॉस्टल एलाउंस 300 रुपये किया गया है। -170 दिन के बाद कर्मचारियों को अपनी छुट्टी बेचने की आजादी। -गंभीर बीमारी पर मिलने वाले मेडिकल इंश्योरेंस हुआ दोगुना।