एमआरपी से महंगी बेच रहे खाने-पीने की चीजें
-टाटानगर रेलवे स्टेशन पर वेंडर्स की मौज
-प्राइस लिस्ट सिर्फ दिखावे के लिए, कई सामानों के दाम ही रहते हैं गायब -वेंडर्स को नहीं है रेलवे डिपार्टमेंट की कार्रवाई का डर abhishek.piyush@inext.co.in JAMSHEDPUR: टाटानगर रेलवे स्टेशन पर इन दिनों पैसेंजर्स की जेब ढीली हो रही है। उनसे खाने-पीने की चीजों के एमआरपी से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं। पैसेंजर्स के शिकायत करने पर उनसे दुर्व्यवहार करने लगते हैं। उन्हें रेलवे डिपार्टमेंट की कार्रवाई का भी कोई डर नहीं है। और तो और शिकायत से बचने के लिए मैक्सिमम वेंडर्स नेमप्लेट नहीं ला रहे हैं। पैसेंजर्स की मानें तो स्टॉल पर लगी प्राइस लिस्ट सिर्फ दिखावे के लिए है। कई सामानों के दाम ही गायब रहते हैं। यह सबकुछ हो रहा है रेलवे अधिकारियों की नाक के नीचे, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। हैं भ्0 स्टॉल्सटाटानगर रेलवे स्टेशन पर भ्0 स्टॉल्स हैं। इनमें से मैक्सिमम स्टॉल्स पर प्रिंट रेट से अधिक दाम पर सामानों की बिक्री हो रही है। सोमवार को प्लेटफार्म नंबर पांच के एक स्टॉल से पैसेंजर ने कोल्डड्रिंक्स की एक बोतल खरीदी। इसका दाम फ्7 रुपए था, लेकिन दुकानदार ने उस पैसेंजर से ब्भ् रुपए लिए। पैसेंजर ने जब दुकानदार से अधिक पैसे लेने के बारे में पूछताछ की तो दुकानदार ने कहा कि प्लेटफार्म के अंदर खाने-पीने की चीजों के यही दाम हैं, लेना है तो लो, नहीं तो छोड़ दो। स्टेशन के एक दूसरे स्टॉल पर दुकानदार ने एक पैसेंजर से क्भ् रुपए के वाटर बॉटल के ख्0 रुपए वसूले।
इसलिए लेते हैं ज्यादा पैसे एक वेंडर ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि सबकुछ रेलकर्मियों की मिलीभगत से चल रहा है, उन्हें भी कमीशन देना पड़ता है। प्लेटफार्म नंबर 0ब् के एक वेंडर ने दावा किया कि रेलवे पुलिस के कई जवान खाने-पीने की चीजों के कम पैसे देते हैं और कई तो बिना पैसे दिए ही ले लेते हैं। इसलिए वे इस घाटे को पैसेंजर से वसूल करते हैं। एक वेंडर ने बताया कि नेल पेंट छुड़ाने वाले थीनर का यूज कर एमआरपी मिटा दिए जाते हैं। स्टेशन में हर चीज महंगी मिल रही है। दुकानदार प्रिंट रेट से अधिक दाम पर सामान बेच रहे हैं। मैंने कोल्डड्रिंक्स की एक बोतल खरीदी, जिसका एमआरपी फ्7 रुपए है, लेकिन दुकानदार ने ब्भ् रुपए लिए। इस बारे में पूछने पर उसने कोल्डड्रिंक्स वापस करने को कहा। -अजय पांडेय, पैसेंजरपानी की बोतल खरीदी तो दुकानदार ने ख्0 रुपए लिए, जबकि इसका प्रिंट रेट क्भ् रुपए है। सफर के समय इनसे कौन मुंह लड़ाने जाए। यही सोचकर मैंने पैसे दे दिए। इनकी हमेशा से ऐसी ही मनमानी चलती रहती है। हर चीजों के दाम बढ़ा कर बेचते हैं।
-सुजाता बरूआ, पैसेंजर प्लेटफार्म के अंदर हॉकर ख्0-ख्भ् रुपए के बिस्किट पैकेट पर भ् से 7 रुपए ज्यादा वसूल रहे हैं। पूछने पर कहते हैं कि प्लेटफार्म के अंदर यही रेट है। दुकान के बाहर रेट चार्ट भी है, लेकिन हॉकर उसे फॉलो नहीं कर रहे हैं। -तपन बरुआ, पैसेंजर प्लेटफार्म में 8 रुपए में मिलने वाली कॉफी के क्भ् रुपए लग रहे हैं। खाने-पीने की हर चीज की कीमत प्रिंट रेट से ज्यादा है। दुकानदार से पूछने पर कहता है कि वाटर बॉटल को ठंडा करने के एक्स्ट्रा पैसे खर्च होते हैं, लेकिन यहां तो नॉर्मल वाटल बॉटल के भी ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं। -नीतिश, पैसेंजरऐसा नहीं है। स्टेशन पर नियमित रूप से इसकी जांच होती है। कई बार वेंडरों के पकड़े जाने पर कार्रवाई भी होती है। अगर इस तरह की बात है तो पैसेंजर डिप्टी स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (कॉमर्शियल) के यहां शिकायत दर्ज करा सकते हैं। तुरंत कार्रवाई की जाएगी। -स्टेशन मैनेजर, ओपी शर्मा, टाटानगर रेलवे स्टेशन
सामानों के प्रिंट रेट को लेकर समय-समय पर औचक निरक्षण किया जाता है। पिछले दिनों दो वेंडर्स के खिलाफ रेलवे ने कार्रवाई की थी। यदि कोई स्टॉल वाला किसी से सामानों के प्रिंट रेट से अधिक पैसे की मांग करता है, तो तत्काल साउथ ईस्टर्न रेलवे की एसएमएस सेवा में कंप्लेन करें। एसएमएस मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। -मलय मलिक, डिप्टी स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (कॉमर्शियल), टाटानगर रेलवे स्टेशन