शोध में ‘आधी आबादी’ की भागीदारी सिर्फ 16.6 प्रतिशत
जमशेदपुर (ब्यूरो): जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में पीएचडी प्रवेश परीक्षा संपन्न हो गई। शोध प्रवेश परीक्षा जेडब्ल्यूयूआरइटी-1 के कुल 122 अभ्यर्थियों में से 90 परीक्षा के लिए उपस्थित हुईं एवं 32 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहीं। तीन परीक्षा कक्ष बनाए गए थे, जिनमें सुनियोजित तरीके से कक्षा निरीक्षकों की देखरेख में परीक्षा का आयोजन हुआ।12 विषयों पर शोध यूनिवर्सिटी द्वारा शोध के लिए रखे गए सभी 12 विषयों यथा वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिन्दी, गृह विज्ञान, संगीत, उडिय़ा, राजनीति विज्ञान, उर्दू एवं वाणिज्य में पीएचडी के लिए इ'छुक छात्राओं ने इसमें भाग लिया। परीक्षा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर कुलपति डॉ। अंजिला गुप्ता ने रजिस्ट्रार डॉ। राजेंद्र जायसवाल एवं गठित शोध कमेटी के सदस्यों के साथ परीक्षा नियंत्रक डॉ। रमा सुब्रमणियन, केंद्र निरीक्षक डॉ। सुधीर कुमार साहू, ओएसडी डॉ। रूपाली पात्रा एवं परीक्षा विभाग के अन्य सदस्यों को बधाई दी है।भागीदारी महज 16.6 प्रतिशत
कुलपति प्रो। डॉ। अंजिला गुप्ता ने कहा कि शोध के बिना उच्च शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती और जब महिलाओं के भागीदारी की बात आती है तो पता चलता है कि शोध के क्षेत्र में अभी भी बहुत किया जाना शेष है। हाल ही में राज्य सभा में दिए गए बयान में भारत सरकार ने बताया है कि पूरे भारत में 56,747 महिला शोधार्थियों के साथ शोध में &आधी आबादी&य की भागीदारी महज 16.6 प्रतिशत ही है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया कि कई उन्नत देशों से यह बहुत ही कम है। विगत 22 जून को यूनिवर्सिटी के कार्यात्मक स्वरूप और कुलपति की नियुक्ति के लगभग एक वर्ष पूर्ण होने के तुरंत बाद आज पहली शोध प्रवेश परीक्षा संपन्न हो गई।इस कदम के साथ ही यूनिवर्सिटी ने शोध के लिए मंच प्रदान करना प्रारंभ कर दिया है। इससे उच्च शिक्षा में नामांकित झारखंड की महिलाएं शोध की ओर अग्रसर हो पाएंगी। शीघ्र ही यूनिवर्सिटी शोध के केंद्र के रूप में विकसित हो यह मेरी प्राथमिकता है।प्रो। (डॉ.) अंजिला गुप्ता, कुलपति, जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी