स्टील सिटी में लगेंगे ई-टायलेट
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JAMSHEDPUR: स्टील सिटी में प्रति 500 मीटर की दूरी पर लाखों रुपये की लागत से बने यूरिनल और बायोटायलेट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। टॉयलेट में पानी की सुविधा और सफाई नहीं होने से लोगों को मजबूरन बाहर ही जाना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए नगर विकास और स्वच्छता विभाग ने शहर में ई-टायलेट बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार टाटा स्टील और लोहिया कारपोरेशन लिमटेड जैसी कंपनियों से सहयोग लेगी। बताते चलें कि शहर में स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद लोगों को बेहतर टॉयलेट की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसको देखते हुए कारपोरेट घरानों के सहयोग से नगर विकास और स्वच्छता विभाग शहर में ई-टायलेट लगाएगा। मिलेगी बेहतर सुविधाजेएनएसी के स्पेशल ऑफिसर कृष्ण कुमार ने बताया कि जेएनएसी क्षेत्र में बायोटॉयलेट और यूरिनल टॉयलेट बनाये गये है। जहां पर बिना किसी शुल्क के लोगों सुविधा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र के आदेश के अनुसार हर 500 मीटर की दूरी पर एक टायलेट या यूरिनल बनाया गया है। शहर में भीड़ भाड़ वाले इलाकों पर बायोटॉयलेट का निर्माण किया गया है। ई टॉयलेट पूरी तरह से एटोमेटिक सिस्टम को फॉलों करेंगे। इसके साथ ही सामुदायिक शौचालय के माध्यम से पांच रुपये इसमें सिक्का डालने पर ही टॉयलेट का गेट खुलेगा। शहर में ई-टॉयलेट स्थापित होने के बाद यूजर चार्ज की रकम तय की जाएगी।
चार से पांच लाख की लागत शहर में ई-टायलेट बनाने में एक टॉयलेट में चार से पांच लाख रुपये की लागत आएगी। ऐटोमैटिक सिस्टम होने के चलते इसके लिए पानी और बिजली का कनेक्शन भी लेना होगा। इसके संचालन में बड़े बजट की अवश्यकता को देखते हुए सरकार शुरुआत में महज 6 ई-टॉयलेट स्थापित करेंगी। दे सकते हैं मदद देश के महानगर में ई-टायलेट की सफलता के बाद केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कारपोरेट घराने के साथ ई-टायलेट लगाने की पहल कर रहे रहे हैं। जमशेदपुर में ई-टॉयलेट लगाने के लिए टाटा स्टील के साथ सरकार बात रही है। अधिकारियों का मानना है कि अगर टाटा स्टील सहयोग करने को तैयार हो जाता है तो जमशेदपुर के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलो में भी ई-टॉयलेट लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा।शहर के लोगों को बेहतर सुविधा देने की पहल में ई-टायलेट योजना करगर साबित होगी। एक टॉयलेट की लागत में चार से पांच लाख रुपये लगने की संभावना है। जिसको देखते हुए सरकार शुरुआत में आधा दर्जन ई-टायलेट बनाकर उनका ट्रायल करेगी।
संजय कुमार पांडेय, सहायक विकास अधिकारी, नगर विकास विभाग, रांची