पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर को महिला की लाश के कपड़ों में मिली लाखों की ज्वैलरी! लौटाकर, पेश की मिसाल
Jamshedpur: एमजीएम कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में मंगलवार को डॉ। मनोज श्रीवास्तव की ड्यूटी थी। वो सुबह 10 बजे पहुंच गए और सबसे पहले कारगिल में तैनात सैनिक राकेश सिंह यादव की पत्नी सुधा देवी की लाश का पोस्टमार्टम करने लगे। डाक्टर ने बताया कि जैसे ही उन्होंने शव से कपड़े हटाए तो ब्लाउज के अंदर सोने के गहने देख कर वो दंग रह गए। सुधा देवी ने अपने ब्लाउज में ये गहने छिपा रखे थे। पूर्व सैनिक परिषद के उपाध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने बताया कि डॉ। मनोज श्रीवास्तव ने ये सारे गहने अपने रूमाल में रखे और बाहर आकर सैनिक राकेश को दे दिए। जब डॉ। मनोज ने राकेश को गहनों के बारे में बताया तो वो फूट कर रोने लगा। अन्य परिजनों ने डाक्टर की ईमानदारी की तारीफ की।
10 मार्च को की थी खुदकुशीमानगो के कुम्हारपाड़ा के रहने वाले राकेश सिंह यादव सेना की फील्ड रेजीमेंट में सूबेदार हैं। वो कारगिल में द्रास सेक्टर में तैनात हैं। उनकी पत्नी सुधा देवी अपने दो बेटों के साथ यहां मानगो में रहती थीं। किसी वजह से सुधा ने 10 मार्च की रात फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली। बेटे अंकित ने ही उनकी लाश देखी और फंदे से उतारा। कारगिल में तैनात मृतका के पति राकेश को सूचना दी गई। सेना के अधिकारी सौरभ शर्मा ने उन्हें हेलीकाप्टर के जरिए दिल्ली भेजा और फिर दिल्ली से विमान से वो रांची आए। राकेश सोमवार की शाम शहर पहुंचे। सुबह शव का पोस्टमार्टम हुआ।
ये गहने मिले सोने का झुमका, नाक की कील, दो अंगूठी, मंगल सूत्र, दो कड़ा, कान का दो जोड़ा झूमड़, कान का दो जोड़ा टाप्स और सोने की एक चेन। अंकित यहां अर्पित बांदा में पढ़ेगा सैनिक राकेश सिंह यादव के दो बेटे अंकित और अर्पित हैं। अंकित ने डीबीएमएस से 11वीं की और अर्पित ने सोनारी के जूनियर कार्मेल स्कूल से 7वीं की परीक्षा दी है। राकेश सिंह मूल रूप से बांदा के रहनेवाले हैं। उन्होंने अर्पित की टीसी ले ली है। वो अब बांदा में दादा-दादी के साथ रहकर पढ़ेगा। जबकि, अंकित डीबीएमएस में ही पढ़ेगा। अंतिम संस्कार बांदा में सैनिक की पत्नी का अंतिम संस्कार बांदा में होगा। राकेश कुमार पत्नी का शव लेकर बांदा रवाना हो गए हैं। वहां अंतिम संस्कार की तैयारी हो रही है। बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।