ब्राउन शुगर की कारोबारी डॉली परवीन को दबोचा
JAMSHEDPUR: पूर्वी सिंहभूम से लेकर सरायकेला-खरसावां जिले तक नशा का जाल बिछाने वाली ¨कगपिन डॉली परवीन आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गई। रविवार की सुबह आदित्यपुर पुलिस ने उसे मुस्लिम बस्ती स्थित उसके घर से धर दबोचा। वह लगभग 11 महीने से फरार थी। ब्राउन शुगर कारोबारी डॉली परवीन को रविवार सुबह 10 बजे पुलिस की टीम ने सादे लिबास में आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती स्थित आवास में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसके पास से कुछ बरामदगी नहीं हुई। इससे पहले पुलिस उसके ठिकाना की जानकारी से अनिभज्ञता जाहिर कर रही थी। डॉली की गिरफ्तारी के बाद पूरे बस्ती में पूरे सर्च अभियान पुलिस ने चलाया। कुछ हाथ नहीं लगा।
कई मामलों में वह वांछितडॉली कई मामलों में वह वांछित है। उसके खिलाफ दर्ज मामलों में फरारी का इश्तेहार घर पर पुलिस ने चस्पा किया था। अगर उसकी गिरफ्तारी नहीं होती तो पुलिस दो दिनों में उसके आवास की कुर्की-जब्ती की अर्जी सरायकेला न्यायालय में दाखिल करती। उस पर सरेंडर करने का दबाव भी था। बीते पांच वर्ष से वह धंधा के कारण पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी। ठिकाना बदल-बदल कर वह रह रही थी। आदित्यपुर से लेकर मानगो तक उसका जाल फैला हुआ था। गली-मुहल्लों तक नशा का कारोबार संचालित कर रही थी। धंधा बंद कराने को लेकर डीजीपी,कोल्हान डीआईजी राजीव कुमार सिंह, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री बन्ना गुप्ता, सिंहभूम की सांसद गीत कोड़ा, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, रांची के सांसद संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक सरयू राय, मंगल का¨लदी ने पहल की थी।
थाना में जुटीं महिलाएं रविवार को जैसे ही बस्तीवासियों को डॉली के थाना लाए जाने की खबर मिली, महिलाएं थाना के पास एकत्रित हो गई। पहले एक झटका खा चुकी पुलिस इस बार सतर्क थी। थाना के पास पहुंच रही महिलाओं को दूर भगाने का प्रयास करती रही। भीड़ को पुलिस रोकती रही, लेकिन भीड़ बढ़ती जा रही थी। थोड़ी देर बाद डॉली की बेटी ने भीड़ को घर लौटने का इशारा किया। इशारा मिलते ही सभी वापस लौट गए। थाना में आरोपित से आदित्यपुर थाना प्रभारी सुषमा कुमारी ने कैसे वह धंधा संचालित करती थी? कहां से ड्रग्स मंगाती थी? गिरोह में कौन-कौन जड़े हुए है? इस संबंध में पूछताछ की। पांच मामले दर्ज हैंड्रग्स तस्करी का ¨कगपिन डॉली परवीन के खिलाफ ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री करने, पुलिस पर हमला करने समेत पांच मामले दर्ज हैं। दो मामले में वह जमानत पर हैं। नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस )एक्ट के तहत तीन मामले दर्ज हैं। आदित्यपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में 2019 में पुलिस टीम डॉली के घर पर छापेमारी करने गई थी। लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। आदित्यपुर थाना में मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस के अनुसार डॉली परवीन के खिलाफ ब्राउन शुगर की खरीद-बिक्री करने, पुलिस पर हमला करने समेत पांच मामले दर्ज हैं। दो मामले में वह जमानत पर हैं.नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस )एक्ट के तहत तीन मामले दर्ज हैं। आदित्यपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में 2019 में पुलिस टीम डॉली के घर पर छापेमारी करने गई थी। लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। आदित्यपुर थाना में मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
ओडिशा और बंगाल से मंगाई जाती ड्रग्स की खेपनशा तस्कर डॉली परवीन का जाल सिर्फ पूर्वी सिहंभूम व सरायकेला-खरसावां तक ही नहीं फैला था। ओडिशा और बंगाल से डॉली परवीन ड्रग्स का खेप मंगवाती थी। पूरा धंधा मोबाइल से संचालित किया जाता था। मोबाइल पर ही बताया जाता था कि ड्रग्स की खेप कहां से मिलेगी और उसे कहां-कहां दिया जाना है। उसके गुर्गे कोलकाता और ओडिशा जाकर माल लेकर आते थे। ड्रग्स ट्रेन, बस और निजी वाहनों से लाया जाता था। ओडि़शा में एक बार पकड़े जाने के भय से माल फेंककर गुर्गे भाग निकले थे। मानगो और आदित्यपुर में खेप पहुंचने के बाद वहां से ब्राउन शुगर की डिलीवरी पुडि़या में की जाती थी। सरगना के गुर्गे पुडि़या को बताए ठिकाने तक बेचनेवालों तक पहुंचा देते थे। रोज 1200 पुडि़या की बिक्री की जाती थी।
बेचनेवालों को कमीशन ड्रग्स बेचने के लिए बकायदा कमीशन पर दर्जनों एजेंट बना रखे हैं जो स्कूल, कॉलेज सहित अन्य सार्वजनिक स्थल पर पर जाकर बेचते हैं। एजेंटों को बकायदा टारगेट दिया जाता हैं। टारगेट पूरा करने वाले को अतिरिक्त रूप से कमीशन दिया जाता था। गिरोह से जुड़ी महिलाएं भी पुडि़या में ब्राउन शुगर बेचती हैं। एक पुडि़या पर 10 रूपये कमीशन दिया जाता था।