बेटी को गलत दवा देने के शक में चाचा व चाची की हत्या
-वेस्ट सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के खंडकौरी में हुई वारदात
-बेटी के इलाज में गलत दवा देने के शक में भतीजों ने कर डाला डबल मर्ड -पुलिस ने मुख्य आरोपित को दबोचा, भाई गांव छोड़कर फरारकुमारडुंगी : पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में दो सगे भाइयों ने गलत औषधि देने के शक में अपने चाचा की टांगी से काटकर और चाची की गला दबाकर हत्या कर डाली। इस दोहरे हात्याकांड में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत खंडकोरी गांव के चोंडोसाई टोला का है। चोंडोसाई टोला निवासी 48 वर्षीया मृतका जोगों कुई के छोटे बेटे सोनाराम बारजो के बयान पर कुमारडुंगी थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले में उसके चचेरे भाई सनातन बारजो को घर से गिरफ्तार कर लिया। उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है। वहीं, हत्यारोपी सनातन बारजो का सहयोगी बड़ा भाई रघुनाथ बारजो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मौके पर पहुंचे जगन्नाथपुर एसडीओ इकुड़ डुंगडुंग व इंस्पेक्टर मनोरंजन सिंह ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा सदर अस्पताल भेज दिया है।
क्या है मामलासोनाराम ने बताया कि उसके पिता गुरुचरण बारजो गांव में वैद्य हैं। शुक्रवार की रात करीब 11 बजे वह अपनी मां जोगों कुई को उसके घर पहुंचाने गया था। अधिक रात होने के कारण वो मां को आधा रास्ता पहुंचाकर ही लौट रहा था। कुछ दूर आने के बाद उसे मां जोगों के चिल्लाने की आवाज आई। वह वापस दौड़ते हुए जोगों के घर पहुंचा। वहां देखा की उसी का चचेरा भाई सनातन बारजो उसकी मां का गला दबाये हुए है। यह देख वो मां को बचाने आगे बढ़ा तो वहां पहले से मौजूद सनातन के बड़े भाई रघुनाथ बारजो ने उसे पकड़ लिया। तभी वो अपना हाथ छुड़ाकर वहां से भाग निकला। घर जाकर अपनी भाभी को बुलाकर जब मां के घर आया तो देखा की मां जोगों कुई मृत पड़ी थी। घर के अंदर झांककर देखा तो पिता गुरुचरण बारजो भी मृत पड़े थे। उनका गला टांगी से पूरी तरह से कटा हुआ था। दोनों ने इसकी सूचना गांव वालों को दी। जंगल के अंदर में बस्ती होने के कारण रात में सबको खबर नहीं दी जा सकी। दूसरे दिन शनिवार को ग्रामीण मुंडा व पंचायत मुखिया को घटना के बारे में जानकारी दी गई। उसके बाद कुमारडुंगी थाना को सूचित किया गया।
गलत औषधि देकर बेटी को बीमार कर रहा था चाचाकांड के हत्यारोपी सनातन बारजो ने बताया कि उसका चाचा गुरुचरण बारजो एक वैद्य है। पिछले एक माह से मेरी बेटी बीमार चल रही है। अंजली के लिए औषधि चाचा ही बना रहा था। उसी के इलाज में घर का सारा पैसा चला गया। उसके बाद भी बेटी ठीक नहीं हुई। मुझे लगा कि चाचा गलत दवाई दे रहे हैं। गुरुवार की रात घर में एक बड़ी पूजा भी करवायी थी। इसमें बहुत अधिक पैसा खर्चा हो गया। शुक्रवार की रात गांव में जंगली सुआर आया था। उसका शिकार करने टांगी व एक चाकू लेकर उसके पीछे भागा। सुअर मेरे चाचा गुरुचरण बारजो के घर में घुस कर गायब हो गया। उस वक्त चाचा घर में चटाई पर बैठा हुआ था। उसे अकेला देख अचानक गुस्सा आ गया। इसके बाद उसे जमीन में गिराकर टांगी से गला काट दिया। उसके बाद चाची जोगों कुई की खोजबीन की। घर जाते समय आंगन में उससे मुलाकात हो गई। उसे वहीं गला दबाकर मारने की सोची। तभी मेरे बड़े भाई रघुनाथ बारजो वहां आए। मैंने चाची को गला दबाकर मारने के लिए जमीन पर गिरा दिया। बचाव करने आए जोंगो के बेटा सोनाराम को भैया ने पकड़ रखा था। सोनाराम हाथ छुड़ाकर भाग गया तो हम दोनों भाई जोगों को भी मारकर वहां से चले गए।