दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अभियान राजनी टी के तहत एक्सआईटीई कॉलेज के शिक्षकों के साथ चर्चा की गई.


जमशेदपुर (ब्यूरो): लोकसभा चुनाव में कुछ महीने ही रह गए हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारी कर रही हैं, तो लोगों के बीच भी मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई है। यह बात सामने आई कि नेताओं ने राजनीति को मजाक बना दिया है। करप्शन पर भी चर्चा हुई।मेरा मुद्दा - तय होना चाहिए शिक्षा का पैमाना- यूथ के आने से होगा बदलाव- अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के चुनाव लडऩे पर लगे रोक - लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होना चाहिए-बेरोजगारी के खात्मे की बात करनेवाले को ही बनाएंगे नेताजी।-हर आदमी आत्म निर्भर हो सके। ऐसी सोच वाला नेता ही पाएगा वोटएक साथ चुनाव होने से खर्च में होगी बचत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ होना चाहिए। इससे परेशानी नहीं होगी और खर्चे भी कम होंगे। आज के समय में यह ज्यादा जरूरी है। इस ओऱ ध्यान देना महत्वपूर्ण है।


आपराधिक छवि वालों के चुनाव लडऩे पर हो रोकअपराध और राजनीति दोनों में गहरा नाता है। आज भी कई नेता और मंत्री आपराधिक छवि वाले हैं। आपराधिक छवि वाले लोग संवैधानिक पद पर हैं। यह शर्मनाक स्थित है और इसका निदान होना चाहिए।चुनाव लडऩे के लिए निर्धारित हो शैक्षणिक योग्यता

नेताओं की शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित होनी चाहिए। पढ़े-लिखे लोग आएंगे, तो कुछ अच्छा काम करेंगे। अनपढ़ लोगों के इस क्षेत्र में आने से रोकने के लिए सख्त नियम बनाने की जरूरत है। राजनीति में आएं युवा, होगा विकास और बदलाव राजनीति में यूथ के आने से ही बदलाव होगा। इसके लिए युवाओं को इस क्षेत्र में आना चाहिए, ताकि लोगों का भरोसा कायम हो और सभी का भला हो। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना समय की मांग है। इससे खर्च की बचत तो होगी ही, साथ ही साथ लोगों का समय भी बचेगा। एक साथ चुनाव कराने से जनता पर बोझ भी कम पड़ेगा। प्रो अमितऊंचे पदों पर पढ़े लिखे लोगों को ही आना चाहिए। किसी राज्य में सबसे ऊपर मुख्यमंत्री और मंत्री होते हैं। इन्हें पढ़ा-लिखा तो होना ही चाहिए। इससे वे देश व राज्य के विकास के लिए सही डिसीजन ले सकते हैैं। प्रो स्वातिआपराधिक छवि वाले लोगों के चुनाव लडऩे पर रोक लगनी चाहिए। इससे करप्शन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस बार के लोकसभा चुनाव में इस दिशा में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है। डॉ संचिता घोष चौधरी

यूथ को मतदान करने की जरूरत है। यह उनकी जिम्मेदारी भी है। सही तरीके से मतदान नहीं होने पर कोई गलत व्यक्ति जीत कर आ जाएगा। बाद में उसे कोसने से कोई लाभ नहीं होने वाला।डॉ। राधा माहलीराजनीति में युवाओं को आना चाहिए। इसे वे एक कॅरियर ऑप्शन के रूप में भी ले सकते हैैं। राजनीति में बड़ी संख्या में युवाओं के पार्टिसिपेट नहीं करने से स्थिति बदतर हो रही है और कोई भी इस क्षेत्र में आ जा रहा है। इससे सभी को नुकसान हो रहा है।प्रो। निशित सिंहहम सभी को मतदान को अपनी पहली जिम्मेदारी समझनी होगी। सोच-समझकर कर बिना किसी लोभ-लालच के काबिल प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान करना हमारा फर्ज है। इससे अच्छ लोग चुनकर आएंगे और देश और राज्य के साथ ही आम जनता का भला होगा। -नवल नारायण चौधरी

Posted By: Inextlive