एक जुलाई से लागू होने वाला प्रतिबंध टालने की मांग
जमशेदपुर (ब्यूरो): इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए निर्माता एवं व्यापारियों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर इस प्रतिबंध को अविलंब टालने का निवेदन किया गया। व्यापारियों का कहना था कि देश भर में मौजूद सिंगल यूज प्लास्टिक की लाखों इकाइयों और लाखों लाख छोटे व बड़े दुकानदार और उन पर आश्रित पच्चीसों करोड़ की रोजी-रोटी मारी जाने वाली है। देश का एक महत्वपूर्ण संस्थान डीआरडीओ भी इस दिशा में पर्याप्त कार्य कर रहा है और आने वाले साल भर के अंदर नष्ट होने वाली प्लास्टिक के विकल्प भी आने की संभावना दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि जब साल-दो साल के अंदर प्लास्टिक का विकल्प आने की संभावना है, तो फिर इस सूरत में ऐसे निर्णय देश को बुरी तरह क्षति पहुंचा सकते हैं और इन करोड़ों लोगों की आजीविका के साथ देश के राजस्व की भी क्षति हो सकती है।
एनपीए होने की आशंका
उन्होंने कहा कि वर्तमान में फैक्ट्री एवं व्यापारियों पर अरबों रुपए का लोन एनपीए हो जाने की आशंका है और भविष्य में उन्हें नया उद्योग स्थापित करने के लिए कोई भी नया ऋण नहीं मिल सकेगा। ऐसे में निर्माताओं एवं व्यापारियों के सुझाव अनुसार रिसाइकिल उद्योगों एवं वेस्ट मैनेजमेंट उद्योगों को को बढ़ावा व उद्योगों की तरह उन्हें सब्सिडी दिया जाना उस संकट का एक बहुत अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। व्यापारियों ने विभिन्न अध्ययनों का हवाला देने हुए कहा कि पेपर का उपयोग और खतरनाक साबित होगा क्योंकि प्लास्टिक अगर 300 साल में सड़ती है तो वहीं कागज का उपयोग तो आने वाले 20-30 सालों में ही जंगलों व वनों को खा जाएगा।है बेहतरीन उपाय इसके अलावा सिंगल यूज प्लास्टिक के माइक्रोन बढ़ाना एवं उसका सख्ती पूर्वक क्रियान्वयन सबसे बेहतरीन उपाय है। उन्होंने कहा कि इसको रीसाइकिल कर इसका उपयोग सडक़ निर्माण, कुर्सी बेंच और फर्नेस ऑयल बनाने में होना चाहिए, जो कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और टाटा स्टील पहले से ही सफलता पूर्वक कर रही है। इस दौरान रांची से आये संघ के अध्यक्ष कुणाल विजयवर्गीय, राजीव थेपडा, सुनील गुप्ता, चैम्बर के अध्यक्ष विजय मूनका, मानव केडिया, मुकेश मित्तल, जमशेदपुर से अमित अग्रवाल, पवन संघी, संजय मूनका आदि उपस्थित थे।