कोई टीचर्स से तो पूछे कि वे क्लास क्यों नहीं ले रहे?
-सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट्स भी बैठे धरने पर
-टीचर्स पर जूनियर स्टूडेंट्स को बरगलाने का लगाया आरोप -बाहरी तत्वों पर माहौल बिगाड़ने का भी आरोप लगाया द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज में पिछले कई महीने से पढ़ाई नहीं होने को लेकर फ्राइडे को सीनियर स्टूडेंट्स ने भी अपना विरोध दर्ज कराया और कॉलेज के उन 14 टीचर्स पर स्टूडेंट्स को कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया जो स्ट्राइक पर हैं। सीनियर स्टूडेंट्स ने डीसी ऑफिस के सामने पिछले पांच दिनों से धरना पर बैठे स्टूडेंट्स से सवाल किया कि वे प्रिंसिपल और कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप तो लगाते हैं, लेकिन टीचर्स से क्यों नहीं पूछते कि वे क्लास क्यों नहीं ले रहे। सीनियर स्टूडेंट्स ने एबीवीपी पर कॉलेज का माहौल खराब करने का भी आरोप लगाया। चार साल में प्रॉब्लम नहीं हुई, इन्हें 6 महीने में होने लगीसीनियर स्टूडेंट्स का कहना है कि नए स्टूडेंट्स को अपनी तरफ शामिल कर कुछ टीचर्स प्रिंसिपल को हटाना चाहते हैं। सीनियर स्टूडेंट नीरज कुमार सिंह का कहना था कि टीचर्स को स्टूडेंट्स के साथ धरना स्थल पर जाने का टाइम मिल जाता है पर उन्हें क्लास लेने से कोई मतलब नहीं। नीरज का कहना था कि वह पिछले 4 साल से इस कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है और अभी तक किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं हुई पर 6 महीने पहले आए स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम होने लगी। उन्होंने सीधा आरोप टीचर्स पर लगाया कि वे नए स्टूडेंट्स को बरगला रहे हैं।
क्रमिक अनशन जारी रहा डीसी ऑफिस के सामने सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स का धरना 5वें दिन भी जारी रहा। थर्सडे से एबीवीपी के साथ मिलकर ये स्टूडेंट्स क्रमिक अनशन कर रहे हैं। अनशन में शामिल होने वालों में एबीवीपी मेंबर्स के साथ प्रभात शंकर तिवारी, अमरदीप सिंह गिल, राहुल, संजय, रूपांशु, अनुप, चंदन, परमानंद, रीवा, सारा, प्रियंका समेत अन्य स्टूडेंट्स शामिल हैं। सैटरडे को इनकी प्लानिंग डीसी का घेराव करने की भी है। डीसी ऑफिस के सामने क्लास स्टार्ट करवाने को लेकर धरना नहीं दिया जा रहा है। वहां बैठने वाले नए स्टूडेंट्स हैं जिन्हें टीचर्स ने बरगला कर अपनी तरफ कर लिया है, ताकि उनके कंधे पर बंदूक रखकर वे अपना काम पूरा कर सकें। आखिर वे प्रिंसिपल को क्यों हटाना चाहते हैं। - नीरज सिंह, सीनियर स्टूडेंट, सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज