मानसून सीजन में जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ जाता है स्टेट से अब तक सौ से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं


जमशेदपुर (ब्यूरो): मानसून सीजन में जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ जाता है। इस बार भी ऐसी ही तस्वीर सामने आ रही है। स्टेट से अब तक सौ से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। सिटी में नगर निकायों का दायित्व है कि वह निगम क्षेत्र में मलेरिया और डेंगू से निपटने के इंतजाम करे। लेकिन शहर से बाहर इसकी रोकथाम को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही है। शहर से बाहर स्लम एरिया में लगातार मच्छर पनपते रहते हैं। न तो यहां दवा का छिड़काव होता है और न ही कभी फॉगिंग कराई जाती है। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां रहने वाले लोगों को यह तक पता नहीं की फॉगिंग होती क्या है। एक सच्चाई यह भी है कि मलेरिया और डेंगू से ग्रसित ज्यादातर मरीज स्लम इलाकों से ही होते हैं। इसके बाद भी इन स्थानों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। है गंदगी का अंबार


दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शनिवार को शहर में विभिन्न स्थानों पर नगर निकाय और स्वास्थ्य विभाग के आस-पास और उसके परिसर में रियलिटी चेक लिया। इस दौरान टीम को गंदगी का अंबार देखने को मिला। हालांकि सभी नगर निकायों में गंदगी का अंबार नहीं है, लेकिन उससे सटे क्षेत्र में डेंगू के लार्वा पनपने के कई स्थान मौजूद हैं, लेकिन इस ओर उनका ध्यान नहीं जा रहा है। बिष्टुपुर स्थित जिला मलेरिया कार्यालय, मानगो नगर निगम के पास और आदित्यपुर नगर निगम के पास कुछ इसी तरह की स्थिति है। इसके अलावा आयडा परिसर में भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ऐसा नहीं है कि यह नई बात है। वर्षों से इस तरह की स्थिति है, लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। इस कारण डेंगू के साथ ही मच्छर जनित अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।जिम्मेदार ही हैं असुरक्षितअगर हम जिला मलेरिया विभाग की बात करें, तो यहां परिसर में ही कचरों का अंबार लगा हुआ है। यहीं मच्छर जनित बीमारियों से निपटने की रणनीति बनती है, लेकिन विभागीय परिसर ही असुरक्षित है। ऐसे में स्थिति की भयावहता का आंदाजा लगाया जा सकता है। एक तरफ शहर में चारों तरफ एंटी लार्वा का छिड़काव तो किया जा रहा है, लेकिन जिस कार्यालय में बैठे लोगों पर इस कार्य की जिम्मेदारी है, वे ही असुरक्षा के घेरे में हैं और अहम बात यह है कि इन्हें इस बात की तनिक भी परवाह नहीं है।

साफ-सफाई का ध्यान नहीं इतना ही नहीं मलेरिया विभाग के गेट के सामने ही नाले के उपर खानपान के सामानों का ठेला भी लगता है। अब यहां मिलने वाला सामान कितना हाइजेनिक होगा, यह भी एक सवाल है। हालांकि, इस ओर भी साफ-सफाई को लेकर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।जल्द फॉगिंग का मिला आश्वासनविभिन्न समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पंचायत समिति की बैठक में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के डेंगू अभियान की चर्चा उठी। बैठक में उपस्थित पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता ने क्षेत्र में एंटी लार्वा के छिड़काव के साथ ही फॉगिंग कराने की भी जरूरत बताई। इस दौरान मुखिया और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की पहल पर जुगसलाई के चिकित्सा प्रभारी ने जमशेदपुर के सभी 55 प्रखंडों में एंटी लार्वा का छिड़काव के साथ फॉगिंग कराने की दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया।

सभी जिलों के सिविल सर्जन को डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों पर नजर रखने और सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। 15 जुलाई से जिलों में डोर-टू-डोर सर्विलांस की शुरुआत की गई है। इसके लिए तीन सौ कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है। कहीं कोई समस्या है तो वे सीधे संपर्क कर सकते है। -डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह, स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, वेक्टर जनित रोगब्लीचिंग और एंटी लार्वा का लगातार छिड़काव किया जा रहा है। जहां तक कार्यालय के बाहर पड़े कबाड़ की बात है, तो वहां भी एंटी लार्वा और ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाता है। इसके साथ ही कंडम वाहनों और कबाड़ की नीलामी के लिए टेंडर निकालने की भी तैयारी है।देवाशीष प्रधान, सिटी मैनेजर, आदित्यपुर नगर निगम

Posted By: Inextlive