युद्ध नहीं समाधान, ठंडे दिमाग से निकालना होगा समाधान
JAMSHEDPUR: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा आयोजित मिलेयिल्स स्पिक के तहत गुरुवार को जुगसलाई स्थित राजस्थान सेवा सदन के समीप राजनीटी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जुगसलाई के युवाओं ने 'क्या आतंकवाद का सफाया युद्ध से ही संभव, क्या यह लोकसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा रहेगा' इसपर सभी ने अपनी बेबाक राय रखी। चर्चा की शुरुआत करते हुए अमर सिंह ने कहा कि युद्ध ही समस्या का समाधान नहीं है। हमें ठंडे दिमाग से कूटनीतिक चाल चलकर इसका हल ढूंढना होगा। हालांकि, पाकिस्तान बातों से मानने वाला नहीं है, हमारी मांग है कि देश जल्द से आतंकवाद के खात्मे के लिए जो करना है वो करे, उसमें देश तथा देश के युवा सरकार तथा सेना के साथ हैं। हमारी दुश्मनी पाकिस्तान से नहीं है, ना वहां के रहने वाले लोगों से, बस हम चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को सपोर्ट करना बंद कर दे। पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर बैन लगाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्तान को सबक सिखाना होगा। विमल अग्रवाल ने कहा देश के युवा सरकार के साथ हैं। कब तक ऐसे आतंकवादी हमलों से जवान शहीद होते रहेंगे। फैसला हो आर-पार, पाकिस्तान बातचीत से मानने वाला नहीं है। पाकिस्तान में हमारे एयर स्ट्राइक से खौफ है, जिससे पाकिस्तान बातचीत का आग्रह कर रहा है, लेकिन जब तक पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद संगठन को बैन नहीं करता, तब तक पाकिस्तान की बात नहीं सुननी चाहिए।
सेना के साथ सरकार पाकिस्तानी सेना डरी हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जानते हैं कि भारत सरकार ने सेना को पूरी छूट दे रखी है। पाकिस्तान के कायराना हमले के बाद सरकार को मुंह-तोड़ जबाव दे रही है। अगर आतंकवाद का सफाया पाकिस्तान खुद अपने देश में नहीं करता तो, यह सरकार युद्ध से भी पीछे नहीं हटेगी और देश की जनता सरकार के साथ है। इसका फायदा सरकार मिलेगा। देश को ऐसी ही सरकार की जरूरत है, जो देश को मान तथा जवानों की जान महत्ता को समझे। साहिल ने कहा बात तो कितनी बार हुई लकिन पाकिस्तान मानने को कभी तैयार ही नहीं हुआ है कि आतंकवादी उनके मुल्क से भारत में हमले करते हैं और इसमें पाकिस्तान के सेना का सपोर्ट रहता है। युवा देश के साथवीर बहादुर सिंह ने कहा आज आतंकवाद के कारण हमारे सैनिक हर महीने शहीद होते हैं। कश्मीर में आतंकवाद अपनी जड़ फैला चुका है, इसकी फंडिंग पाकिस्तानी सेना करती है। आतंकवाद को खत्म करने के लिए कोई सटीक फैसला करना चाहिए है, अभी देश में युद्ध का माहौल है, ऐसा नहीं कि हम युद्ध को अच्छा मानते हैं। हमें पता है कि युद्ध से दोनों देश को नुकसान पहुंचेगा, पर ऐसे हमारी सेना पर कायराना हमला भी देश नही बर्दास्त कर सकता है, जो हो आर पार होना चाहिए।
एकजुट है देश पप्पू सिंह ने कहा इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए, आज सभी को अपने सेना तथा सरकार पर विश्वास करना चाहिए, चुनाव के चलते कोई देश तथा जवानों के खुन की राजनीति ना करे। अभी सरकार को सपोर्ट की जरूरत है, यह खुशी की बात है विपक्ष खुले तौर पर देश की सेना तथा सरकार का सपोर्ट कर रहा है। पर आज भी कुछ नेता इसे राजनीति स्टंट बता रहे हैं, जो काफी निंदनीय है, ऐसे नेताओं का देश की जनता इस लोक सभा इलेक्शन में सबक सिखाएगी। कहां निकला हलमिलेयिल्स ने कहा पाकिस्तान हमारी ताकत से डरा हुआ है। तभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बात डायलॉग से आतंकवाद के खत्म करने की बात कर रहे हैं, पर उन्हें यह देखना चाहिए, आखिर कब तक बात हो, इतने दिनों से तो बात ही चल रहा है। अब भारत सरकार भी बात करने मुड में नहीं है। ऐसे ही पाकिस्तान पर प्रेशर बनाए रखे। जिससे पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियां फैलाने वाले आतंकवादी को पकड़ कर दे। अगर ऐसा पाकिस्तान नहीं करती तो, घर में घुस आतंकवादियों का सफाया करे, इसमें अगर पाकिस्तान हस्तक्षेप करता है युद्ध होना चाहिए, क्योंकि देश के युवा भारत के साथ है।
मेरी बात आतंकवाद का सफाया युद्ध से हो सकता है, क्योंकि पाकिस्तान बातों से मानने वाला नही है, हमारी मांग है की देश जल्द से आतंकवाद के खात्मे के लिए जो करना है वो सरकार करे। देश के युवा सरकार तथा सेना के साथ हैं। इसके लिए हम खुद भी शरहद पर भी जाने के लिए तैयार हैं। अमर सिंह कड़क मुद्दा हमारी मांग यही है कि आतंकवाद का फैसला आर-पार कर देना चाहिए। हमारी दुश्मनी पाकिस्तान से नहीं है, ना वहां के रहने वाले लोगों से, बस हम तथा हमारी सेना यही चाहती पाकिस्तान जो आतंकवाद को सपोर्ट करता है उसे बंद कर दे, पाकिस्तान के आतंकी संगठन हमारे देश दहशतगर्दी फैला रहे हैं, उसे बंद किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो पाकिस्तान को सबक सिखाना होगा। अनिल उपाध्यायदेश के युवा सरकार के साथ है, कब तक देश ऐसे आतंकवादी हमलों से जवानों की जान गवाते रहेंगे, फैसला हो आर पार, पाकिस्तान बातचीत से मानने वाला नहीं है। पाकिस्तान में हमारे एयर स्ट्राइक से खौफ है, जिससे पाकिस्तान बातचीत की बात राग अलाप रहे है।
विमल अग्रवाल