MillennialsSpeak : जमशेदपुर में #RaajniTEA पर याद आर्इ बेरोजगारी की समस्या
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JAMSHEDPUR: गुरुवार को बिष्टुपुर स्थित नटराज बिल्डिंग के पास 'दैनिक जागरण आई नेक्स्ट' ने 'मिलेनियल्स स्पीक' के तहत 'राजनीटी' का आयोजन किया। इसमें शहर के 18 से 38 साल के युवाओं ने चुनावी मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। चाय के चुस्कियों के साथ सभी ने 'क्या इस चुनाव बेरोजगारी मुद्दा रहेगी' विषय पर अपने-अपने विचार रखे। राजनीटी में शहर के युवाओं ने रोजगार के मुद्दे पर बहस की। सभी ने दो टूक कहा कि इस बार चुनाव में रोजगार एक बड़ा मुद्दा होगा। युवाओं ने कहा कि अब तक जितनी योजनाएं बनी हैं, उनका बहुत हद तक फायदा युवाओं को मिला है। स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना रही, लेकिन जिस रफ्तार से रोजगार मिलने चाहिए थे, शायद उसकी गति थोड़ी धीमी रह गई। वैसे, अन्य मुद्दों के साथ-साथ रोजगार भी इस बार चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा।
मेरी बात
आज का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। यह बात सरकार तक पहुंचाने का अभी ही समय है। रोजगार की समस्या से हमें निजात चाहिए तो, हमें वोट देना चाहिए तथा अपने वोट की ताकत को समझना चाहिए। वोट से ही सरकार को जवाब दिया जा सकता है। अगर हम अपने शहर, राज्य व देश से बेरोजगारी दूर करना चाहते हैं, तो हमें जागना पड़ेगा और एक प्रबल जनप्रतिनिधि व सरकार को चुनना पड़ेगा।
- धमेंद्र प्रसाद, बिष्टुपुर
राज्य से जिस तरह से लोग पलायन कर रहे हैं, इससे मजदूरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। मनरेगा में भी लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। ठेका मजदूरों को भी शहर की कंपनियों में काम नहीं मिल रहा है। भाटिया बस्ती शास्त्री नगर के मजदूर बेरोजगारी के कारण भूखमरी के कगार पर है।
- अब्दूल सलमान, धतकीडीहइस चुनाव में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा रहेगा। जिस तरह दिन प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ रही, उससे देश का युवा वर्ग आहत है। इसका असर चुनाव में दिखेगा। आज शहर के युवा नौकरी के लिए पलायन कर रहे हैं। माता-पिता लाखों रुपए खर्च कर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इतने रुपए खर्च होने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है।
- सत्या घोष, कदमासरकार दो करोड़ रोजगार देने की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अगर हम शहर की बात करें तो यहां की कई कंपनियों को बंद कर दिया गया। सरकार को पहले उन्हें खुलवाना चाहिए। टायो कंपनी को भी सरकार को खुलवाना था, ऐसा हो नहीं पाया।
- अमितेश तिवारी, बिष्टुपुर
स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इससे लोग अपनी जिंदगी की गाड़ी चलाने लायक भी पैसे कमा नहीं पा रहे हैं। रोजगार मेले के नाम पर शहर में कई कंपनियां शहर में आ रही हैं, पर रोजगार के नाम ठगने का कार्य कर रही हैं। इससे शहर के युवा आहत हो रहे हैं।
- अविनाश कुमार, कदमा
- राज सिंह, साकचीआज बेरोजगारी की वजह से लोग हतोत्साहित हो रहे हैं। इस वजह से आए दिन युवा चोरी, मर्डर तथा लूटपाट जैसी शर्मनाक घटनाओं में संलिप्त हो रहे हैं। बेरोजगारी दूर करने लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो जनता इस बार जरूर सबक सिखाएगी।
- सुमित कुमार, कदमा
शहर में बेरोजगारी का आलम मत पूछिए। लौैहनगरी में रोजगार के नाम पर कंपनियों में बस ठेकेदारों के अंदर सात-आठ हजार की नौकरी मिल रही है। शहर में इतनी सारी कंपनियां होने के बावजूद लोग रोजगार की तलाश में बाहर जा रहे हैं, रोजगार कहां है।
- जीतू कुमार, कदमा
- रविकांत, बिष्टुपुरपढ़े लिखे लोग भी रोजगार के लिए मोहताज हैं। आज इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के बाद भी लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है और अगर मिल भी रही है तो वेतन के नाम पर न्यूनतम मजदूरी से भी कम मिल रहा है।
- गणेश कुमार राय, साकचीशहर में बहुत ज्यादा बेरोजगारी है। कंपनियों के चक्कर काटकर लोग परेशान हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिल रहा है। इसको लेकर सरकार को सोचना चाहिए। अगर इस पर सरकार विचार नहीं करेगी, तो चुनाव में जनता सबक सिखाएगी।
- कुमार राव, कदमासरकारी नौकरियों के लिए वैकेंसी कम निकल रही है। सरकारी नौकरियों में हजारों हजारों पद खाली हैं, लेकिन सरकार उनको भरने के बारे में नहीं सोच रही है। आखिर बेरोजगार जाएं तो जाएं कहां?
- करण रजक, बीएच एरिया
फिलहाल सबसे ज्यादा वोटर युवा ही हैं। किसी भी सरकार को बनाने के लिए युवाओं का योगदान सबसे ज्यादा है और देश में अभी सबसे ज्यादा बेरोजगार युवा ही हैं। इससे आप सोच सकते हैं अगर युवा को निराशा हुई तो क्या होगा। इस पर सरकार को एक बार विचार करना चाहिए।
- रोहित दूबे, रानीकुदर
- फैजल खान, धतकीडीहनौकरी की तलाश में लोग झारखंड छोड़कर जा रहे हैं। मनरेगा में भी लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है और मजदूरों को भी शहर की कंपनियों में काम नही मिल रहा है। ऐसे में लोग आखिर करें तो क्या?