टाटा मोटर्स में दिख रहा कोरोना का साइड इफेक्ट
JAMSHEDPUR: टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में च्च्चे माल की कमी से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कोरोना को लेकर मुम्बई, पुणे, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य स्थानों से जरुरत के मुताबिक पाटर्स नहीं आ रहा है। कंपनी में मांग के बावजूद लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो रही है। चालू माह में करीब 11 हजार वाहन बनाने का लक्ष्य है लेकिन इसी तरह कोरोना का असर रहा तो यह आंकड़ा छह हजार तक भी नहीं पहुंच पाएगा।
दी गई छुट्टीकच्चे माल की कमी की वजह से ही शनिवार को प्लांट के कर्मचारियों को एक दिन का अवकाश दिया गया। रविवार होने से कर्मचारियों का साप्ताहिक अवकाश रहा। इस तरह कंपनी दो दिन लगातार बंद रही। आदित्यपुर और शहर से बाहर से आने वाले बीएस सिक्स वाहनों के पार्ट्स की सप्लाइ में हाल के दिनों में कमी हुई है जिसका असर कंपनी के उत्पादन पर पड़ा है।
मार्च में एमओपी 385 प्वाइंट
टाटा मोटर्स में मार्च माह उत्पादन ज्यादा होने से मेजर वर्कफोर्स ऑफ परफॉरमेंस (एमओपी) में 385 प्वाइंट पर पहुंचा गया( जबकि पिछले माह एमओपी 372 प्वाइंट था( कंपनी में उत्पादन जितना ज्यादा होता है उतने एमओपी में फायदा होता है कारण कि टाटा मोटर्स कर्मियों को बेसिक-डीए के साथ एमओपी हर माह मिलता है। पिछले माह 385 प्वाइंट एमओपी होने से कर्मियों के वेतन में 10, 200 रुपये जुड़ा है जबकि सुरक्षा में 250 रुपये और गुणवत्ता में मात्र 100 रुपये मिला है। फरवरी माह में कर्मचारियों को सुरक्षा में 1300 रुपये मिला था। मार्च में इसमें 1050 रुपये की कमी हुई है। टाटा मोटर्स में न्यूनतम 110 प्वाइंट होने पर 3400 रुपये वेतन में जुड़ता है।
टाटा मोटर्स कंपनी में शुरू है वैक्सीनेशन टाटा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों के लिए अब कार्य स्थाल पर ही कोरोना का टीका लगाना शुरू किया है। कोरोना की बढ़ती संख्या ने सभी को ¨चता में डाल दिया है। टेल्को क्षेत्र के अस्पताल में बेड की कमी होने लगी है। टाटा मोटर्स कर्मचारियों के लिए परिवार कल्याण संस्थान व डीलर होस्टल में कोविड सेंटर बनाया गया है। इन दोनों स्थानों पर कुल 80 बेड बने हैं, जो फूल है। कंपनी के कर्मचारियों के अलावा कोरोना संक्रमित गैर कर्मचारियों को भी डीलर होस्टल में रखा गया है। कोरोना पॉजिटिव पाए गएइधर टाटा मोटर्स के कई ग्रेजुएट इंजीनियर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ये सब दूसरे शहर से यहां आए हुए थे। इन सभी का इलाज डीलर होस्टल में बनाए गए कोविड सेंटर में किया जा रहा है। इघर आए दिन कोरोना संक्रमित कर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिन कर्मियों को सर्दी, बुखार है उन्हें सीधे टाटा मोटर्स असपताल भेजा जा रहा है। किसी तरह की परेशानी होने पर कर्मचारियों को तत्काल संबंधित विभाग के प्रमुख को सूचना देने को कहा गया है। बाहर से आने वाले कर्मचारियों को घर में ही तीन दिन रहना है फिर कोरोना जांच कराकर उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करना है।
मैनेजमेंट ने की है व्यवस्था सभी कर्मचारियों को समय पर सही तरीके से कोरोना का वैक्सीन लग सके, इसके लिए टाटा मोटर्स प्रबंधन ने अलग से व्यवस्था किया है। टेल्को कॉलोनी के जीइ होस्टल में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है जहां कर्मचारियों व उनके परिजनों को वैक्सीन लगाया जा रहा है। इसके अलावे कंपनी में कर्मचारियों को कार्यस्थल पर ही टीका लगाया जा रहा है। कंपनी परिसर स्थित अप्रेंटिस शॉप में 45 साल से ज्यादा उम्र वाले कर्मचारियों को कोरोना का वैक्सीन लगाया जा रहा है।