को-ऑपरेटिव की लाइब्रेरी में सड़ रहीं किताबें
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज की लाइब्रेरी में किताबें सड़ रही हैं। लाइब्रेरी में न्यूज पेपर और कॉम्पटीटिव एग्जाम की किताबें नहीं होने से छात्र-छात्राएं लाइब्रेरी से नाता तोड़ चुके हैं। कभी-कभार ही कोई स्टूडेंट लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए लिए जाता है। लाइब्रेरी में तैनात एक कर्मचारी ने बताया कि कॉलेज में एक्टिंग प्रिंसिपल के आने के बाद से लाइब्रेरी की हालत बेकार होती चली गई। स्टॉफ की कमी और नई किताबों के नहीं आने से छात्रों ने लाइब्रेरी में आना बंद कर दिया। बताते चलें कि को-ऑपरेटिव कॉलेज की लाइब्रेरी एक समय में स्टूडेंट्स से गुलजार रहती थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन की उपेक्षा और किताबों का रख-रखाव ठीक से नहीं होने पर छात्रों ने लाइब्रेरी से दूरी बना ली।
पांच सालों से नहीं आई किताबेंको-ऑपरेटिव कॉलेज में पांच सालों से एक भी किताब नहीं आई हैं। कर्मचारियों की कमी और देख-रेख के अभाव में किताबें खराब हो रही हैं। देखरेख के अभाव में लाइब्रेरी में खराब हो रही किताबों की खबर पहले भी प्रकाशित की गई थी। इसके बाद भी कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया था।
विश्वविद्यालय बनाने की हो रही मांगछात्र संघ लगातार को-आपरेटिव कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की मांग कर रहा है। यातायात साधन से महरूम को-ऑपरेटिव कॉलेज बिना संसाधनों के कैसे विश्वविद्यालय बनेगा। कॉलेज की आधी से ज्यादा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर रखा है।
कॉलेज बनने के समय से ही लाइब्रेरी में किताबें आना शुरु हो गई थी लेकिन विभाग द्वारा किताबों की देखरेख न होने से किताबें सड़ गई हैं। लाइब्रेरी को जीवित रखने के लिए अखबार मैगजीन के साथ ही कॉम्पटीटिव एग्जाम की किताबें भी होंगी तो छात्र जरूर आएंगे। -अखिल कुमार सिंह, छात्र, को-ऑपरेटिव कॉलेज कॉलेज में लाइब्रेरी की स्थित दयनीय होने से छात्रों को दूसरी लाइब्रेरी में जाकर पढ़ना पड़ रहा है। कॉलेज प्रशासन को चाहिए की लाइब्रेरी में स्टॉफ की तैनाती कर नई किताबें लाई जाएं और उनकी प्रॉपर देख-रेख कराई जाए। इससे छात्र लाइब्रेरी का लाभ उठा सकें। कुमार गौरव, छात्र, को-ऑपरेटिव कॉलेज लाइब्रेरी में खराब पड़ी किताबों के लिए कोल्हान यूनिवर्सिटी को लिखा गया है। स्टॉफ के लिए भी विश्वविद्यालय को लिखा गया है। विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार काम किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि छात्र-छात्राओं को लाइब्रेरी का लाभ मिल सके। -एनआर चक्रवर्ती, एक्टिंग प्रिंसिपल, को-ऑपरेटिव कॉलेज, जमशेदपुर