लॉ कॉलेज के सेशन का आगाज
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में सत्र 2019-20 के नवागंतुक छात्रों का स्वागत समारोह मंगलवार को कॉलेज में आयोजित हुआ। इसमें छात्रों को अगले तीन वर्षो के विषय प्रवेश की जानकारी दी गई। सभी अतिथियों ने कॉलेज की वेबसाइट लांच की। वेबसाइट का नाम जेसीएलसीडॉटइन रखा गया है। इस इंडक्शन मीटिंग में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला, एक्सएलआरआइ के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ। वी वेणुगोपाल, विशिष्ट अतिथि के रूप में को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य वीके सिंह, को-ऑपरेटिव कॉलेज अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ संजय यादव मौजूद थे।
छात्रों में भरा जोशराजेश शुक्ला ने छात्रों में जोश भरते हुए विधिक शिक्षा के साथ अपने व्यक्तित्व के विकास को बात कही। साथ ही अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। डॉ। वेणुगोपाल ने विधि के विद्यार्थियों को एक कोरे कागज की तरह माना तथा उन्हें समाज उपयोगी कार्य की प्रेरणा दी। लॉ कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। जितेंद्र ने विषय प्रवेश कराया। मंच का संचालन प्रोफेसर संजीव कुमार बिरुली ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर आनंद कुमार ने किया।
क्या होगा अगले सत्र सेको-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में अब अगले सत्र से नामांकन होगा या नहीं इस पर संशय है। दरअसल बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से इस कॉलेज को दो सत्र की सशर्त मान्यता दी गई थी। जिन-जिन शर्तो की बात का उल्लेख था, उसमें से एक भी शर्त कोल्हान विश्वविद्यालय ने पूरा नहीं किया है। इस कारण नामांकन पर संशय बना हुआ है।
मैथिली एडवाइजरी बोर्ड के को-ऑर्डिनेटर बने केयू के प्रॉक्टर कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के कुलानुशासक सह मैथिली ¨हदी के साहित्यकार डॉ। अशोक कुमार झा अविचल साहित्य अकादमी नई दिल्ली में मैथिली एडवाइजरी बोर्ड के को-ऑर्डिनेटर बनाए गए हैं। मंगलवार को यह फैसला नई दिल्ली साहित्य अकादमी की बैठक में लिया गया। मालूम हो कि डॉ। झा की मैथिली, ¨हदी, संथाली में इनकी सोलह पुस्तकें प्रकाशित है। मैथिली में कचोट, झारखंडक सनेस, संस्कृति पत्रिका के संपादक हैं। झारखंड वाणि ¨हदी साप्ताहिक का संपादन दस वर्ष तक कर चुके हैं। झारखंड में इस बड़े पद पर पहुंचने वाले वे द्वितीय साहित्यकार है। इससे पहले डॉ। विद्यानाथ झा विदित इस पद पर रह चुके हैं। डॉ। झा के मैथिली एडवाइजरी बोर्ड का को-ऑर्डिनेटर बनने पर कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ। शुक्ला माहांती ने उन्हें बधाई दी है। कहा कि केयू के लिए यह गर्व की बात है।