क्रिसमस को लेकर केक का बाजार गुलजार
JAMSHEDPUR: क्रिसमस को लेकर बाजार सज गए हैं। आखिरी वक्त में आपाधापी से बचने के लिए लोगों ने केक का ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। शहर की कई ऐसी बेकरियां हैं, जहां ऑनलाइन केक के ऑर्डर लिए जा रहे हैं। इन आर्डरों का भुगतान ऑनलाइन, नकद व पेटीएम से किया जा रहा है। क्रिसमस में बेकरियों में भीड़ होने के कारण एक माह पहले से ही केक बनाने के ऑर्डर लिए जा रहे हैं। शहर की विभिन्न बेकरियों में फ्रूट केक, पाम केक, प्लेन केक, चॉकलेट केक, कॉफी केक, सीड केक, रम केक के भी ऑर्डर लिए जा रहे हैं। बिष्टुपुर स्थित ब्रू बेक बेकरी के किशोर ने बताया कि उनके यहां आनलाइन ऑर्डर लिए जा रहे हैं। शहर की चार-पांच बेकरी ही मशहूर हैं, जहां के केक का स्वाद खास और अलग होता है।
खाते हैं अरवा रोटीझारखंड के गांव में जहां लोग क्रिसमस के दिन लोग केक नहीं बना पाते हैं या बाहर से नहीं मंगवा पाते हैं। वे लोग घर में अरवा रोटी बनाते हैं और क्रिसमस के दिन खाते हैं। गांव में महिलाएं अपने हाथों से चावल से अरवा रोटी बनाती हैं।
केक का इतिहास 16वीं सेसेंट जोसेफ चर्च के फादर फेबियन ने बताया कि केक और क्त्रिसमस का रिश्ता 16वी सदी के आस-पास का है। इससे पहले केक क्रिसमस सामारोह का हिस्सा नहीं होते थे। क्रिसमस में केक खाना प्रेम व भाईचारे का प्रतीक है। क्रिसमस में केक की खाने की प्रथा इंग्लैंड में शुरू हुई थी। 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड में गेहूं के आटे में अंडा, मक्खन और उबाला हुआ पाम मिलाया जाने लगा। उस समय अमीर तथा संपन्न लोग, जिनके पास तंदूर होते थे वे ही इसे बनाते थे। बाद में ये केक रूस तक पहुंचा और फिर पूरी दुनिया में क्रिसमस में केक खाने की प्रथा चालू हो गई।
केक का रेट प्रति पौंड ब्लैक फोरेस (बटर क्रीम)-150 रुपये चाकलेट केक-250 रुपये चोको चीप्स केक-300 रुपये वुडेन केक-300 रुपये व्हाइट फोरेस-250 रुपये चाकलेट वेनिला-250 रुपये पाइन एप्पल-200 स्ट्राबेरी-200 रुपये ओरेंज ब्लू बेरी-200 रुपये क्रिसमस को लेकर केक के ऑर्डर लिए जा रहे हैं। क्रिसमस में ज्यादातर रम केक, पल्म केक और फ्रुट केक की मांग बढ़ जाती है। -मो अजरुद्दीन, केक विक्रेता, साकची क्रिसमस में केक खाना प्रेम व भाईचारे का प्रतीक है। क्रिसमस में केक की खाने की प्रथा इंग्लैंड में शुरू हुई थी। झारखंड के गांव में रहनेवाले लोग, जो केक नहीं खरीद पाते हैं, वे क्रिसमस के लिए आरवा रोटी खाते हैं।-फादर फेबियन, संत जोसेफ चर्च, गोलमुरी