ख्रीस्त राजा का त्योहार मनाया
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: रोमन कैथोलिक कलीसिया ने रविवार को ख्रीस्त राजा का त्योहार मनाया। मौके पर उन्हे पवित्र जुलूस और प्रार्थनामय वातावरण में पेश किया गया। गोलमुरी स्थित सेंट जोसेफ चर्च में दोपहर को प्रभु की आराधना के बाद मसीही विश्वासियों ने शांति जुलूस निकाला। जो चर्च से प्रारंभ होकर टिनप्लेट काली मंदिर गोलचक्कर होते हुए गोल्फ मैदान तक गया। गोल्फ मैदान से वापस चर्च पहुंचकर जुलूस समाप्त हुआ। मौके पर जुलूस में शामिल बच्चे, महिलाएं व पुरुष प्रभु यीशु की भक्ति में गीत गा रहे थे। इस अवसर पर मसीही जुलूस में टेल्को, बिष्टुपुर सेंट मेरीज चर्च, सोनारी, परसुडीह व मानगो समेत शहर के कैथेलिक चर्च के फादर व सिस्टर शामिल हुए। जुलूस समाप्ति के बाद आराधना समाप्त हुआ जिसके बाद मिस्सा बलिदान हुआ। परसुडीह के फादर बेर्नन डिसूजा ने मिस्सा बलिदान के मुख्य याचक थे। उनके साथ फादर जिल्सन और फादर मनोज मौजूद थे।
प्रभु यीशु दूसरों के लिए जीते थे
ख्रीस्त राजा पर्व के मौके पर फादर जिल्सन ने गोलमुरी में रोमन कैथेलिक कलीसिया के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रभु यीशु मसीह अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जीते थे। असहायों की मदद करना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है। यीशु मसीह अन्य राजाओं से अलग हैं। दुनिया के किसी क्षेत्र का नहीं बल्कि वे प्रेम व शांति का राजा है। वे हमारे दिलों पर राज करने वाला पाप रहित राजा है। वह हर प्राणियों में बसा है, इसलिए हर प्राणी में उन्हें देखना और सेवा करना सभी का काम है। फादर जिल्सन ने बताया कि ºीस्त राजा का पर्व क्रिसमस से 40 दिन पहले मनाया जाता है।
1925 में रोम में शुरू हुआ था पर्व फादर जिल्सन ने बताया कि 25 नवंबर ख्रीस्त राजा का पर्व मनाने की परंपरा वर्ष 1925 से शुरु हुआ था। इस दिन पूरी दुनिया के कैथोलिक मसीही ºीस्त राजा का पर्व मनाते हैं। इस पर्व को 1925 में पोप पीयूष 11वें ने रोम में आरंभ किया था। तब एकदलीय सत्ता हावी थी। उस व्यवस्था को रोकने के लिए यीशु ºीस्त को मसीहियों के राजा बताया था।