जमशेदपुर के दोमुहानी घाट मानगो स्वर्णरेखा घाट डिमना डैम सिदगोड़ा सूर्य मंदिर और आदित्यपुर सहित विभिन्न छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई.


जमशेदपुर (ब्यूरो): उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही छठ महापर्व का पवित्र समापन हो गया। सुबह होने से पहले ही लाखों छठ व्रती भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के लिए घाटों पर इक_ा हो गए थे।छठ घाटों पर भी भक्तों का हुजूम उमड़ारात के अंधेरे में दीपों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजे घाटों पर माहौल भक्तिमय हो गया। छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देकर 36 घंटे के निर्जला उपवास को पूर्ण किया, जिसके साथ चार दिवसीय इस महापर्व का समापन हुआ। इससे पहले, व्रतियों ने कल शाम डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया था।भोर से ही घाटों पर उमड़ी भीड़
सुबह 3 बजे से ही घाटों और तालाबों पर व्रतियों का आना शुरू हो गया था। श्रद्धालु अपने प्रसाद के सूप और दालों को सजा कर घाट पर रख रहे थे। घाटों पर पहुंचे श्रद्धालु भगवान सूर्य के उदय का इंतजार करते हुए पानी में खड़े नजर आए और सूरज की उपासना में लीन रहे। तालाबों पर भी इसी प्रकार की भीड़ थी, और पूजा समितियों ने घाटों को रंगीन बल्बों और झालरों से सजा कर आकर्षक बना दिया था। चार दिवसीय छठ पर्व के चौथे दिन उगते सूर्य को अघ्र्य देने का महत्व है। इस कठिन व्रत के माध्यम से व्रतधारी अपने परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान के लिए मंगलकामना करते हैं। भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के बाद श्रद्धालुओं ने व्रतियों से ठेकुआ का प्रसाद प्राप्त किया, और एक आस्था से भरे इस महापर्व का समापन भक्तिमय वातावरण में हुआ।

Posted By: Inextlive