भागवत कथा जन जागरण का रूप है : सीताराम शास्त्री
जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर तुलसी भवन में सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा (एक भागवत ऐसी भी) की आज से शुरुआत हो गई। पहले दिन शनिवार को हरिद्वार के पास स्थित सुखताल से पधारे कथावाचक सीताराम शास्त्री ने व्यास पीठ से भागवत महात्म्य, भीष्म स्तुति, परीक्षित शुकदेव संवाद, विदुर चरित्र की प्रसंग का सुंदर व्याख्यान के साथ ही भागवत की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने श्रीमदभागवत कथा के विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भागवत कथा मनोरंजन का साधन नहीं, जन जागरण का रूप है। कहा कि नकारात्मक मानसिक विचारों से ही मनुष्य का पतन होता है। श्रीमद्भागवत कथा देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। श्रीमद्भागवत के अनुसरण से भक्त का कल्याण होता है और जीवन में सुख व शांति का अनुभव होता है। शास्त्री जी ने कहा कि जितने भी सद्गुण होते हैं वे सभी परमात्मा के द्वारा ही प्राप्त होते हैं। मनुष्य के सद्गुणों पर नहीं भगवान के प्रति ही कृतज्ञ होना चाहिए। व्यास पूजन महत्व से शुरुआत
कार्यक्रम का आयोजन झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन के तत्वावधान और मारवाड़ी महिला मंच जमशेदपुर के आतिथ्य में हो रहा है। व्यास पूजन महत्व से भागवत कथा की शुरुआत हुई, जो 14 जुलाई शुक्रवार तक चलेगा। शनिवार की सुबह नौ यजमान क्रमश: जया डोकानिया, लता अग्रवाल, मजू खंडेलवाल, प्रभा पाडिय़ा, विभा दुदानी, बीना अग्रवाल, उर्मिला संधी, ज्योत्सना अग्रवाल एवं सुशीला खीरवाल ने संयुक्त रूप से पूजा करायी। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु देर शाम तक कथा में जमे रहे। दूसरे दिन रविवार को श्री कपिल उपदेश, शिव चरित्र, ध्रुव चरित्र एवं भरत चरित्र स्तुति संवाद का प्रसंग होगा।दी गयी श्रद्धांजलिभागवत कथा के दौरान महिला मंच की संस्थापक सुशीला मोहनका को श्रद्धांजलि दी गई। सुशीला का निधन विगत 2 जुलाई 2023 को अमेरिका में हुआ था। भागवत कथा का पुण्य मृत आत्माओं को भी प्राप्त हो इसलिए श्रद्धांजलि अर्पित कर सुशीला की आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की गयी।