एमजीएम में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने काटा बवाल
JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल(एमजीएम) अस्पताल में बुधवार को डिलीवरी के दौरान नवजात को जन्म देने के बाद हुई प्रसूता की मौत हो गई। मौत से गुस्साए परिजनों ने महिला के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल का गेट जाम कर हंगामा किया। एजीएम पहुंची साकची थाना पुलिस ने परिजनों को समझाकर गेट से बाहर किया। इसके बाद भी परिजन संबंधित डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर डटे रहे। बताते चले कि भुईयांडीह स्थित शिव मंदिर निवासी तपन रजक की पत्नी चंपा को प्रसव पीड़ा पर 25 जनवरी को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर दोपहर करीब 12.35 बजे सर्जरी से चंपा ने एक बच्ची को जन्म दिया था। डाक्टरों ने जच्चा-बच्चा को स्वस्थ्य बताकर वार्ड में शिफ्ट किया गया था। महिला के सर्जरी वाले स्थान से ब्लड आने की शिकायत परिजनों ने डाक्टरों से की थी। रनिंग में आये डाक्टर ने महिला को देखकर दुबारा ऑपरेशन थियेटर में लाने का आदेश दिया। ऑपरेशन थियेटर से आने के बाद चंपा की हालत बेहद नाजुक दिखी। जिसके बाद डाक्टरों ने चंपा की हालत नाजुक बनाकर टीएमएच रेफर कर दिया। टीएमएच में मरीज की हालत नाजुक होने से डाक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया लेकिन परिजनों के आग्रह के चलते महिला को भर्ती किया गया। टीएमएच में ही 26 जनवरी को चंपा की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने चंपा का अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों का आरोप है कि चंपा की मौत एमजीएम चिकित्सकों की लापरवाही से हुई है। चिकित्सकों ने डॉ। मंजुला श्रीवास्तव की यूनिट पर कार्रवाई की मांग की है ताकि किसी भी मरीज के साथ इस तरह की घटना न घटे।
अधीक्षक ने कहा-जांच के बाद होगी कार्रवाई मृतक के परिजनों ने अधीक्षक डॉ। एसएन झा को लिखित शिकायत कर आरोपी चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान अधीक्षक ने परिजनों को जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। एमजीएम उपाधीक्षक डॉ। नकुल प्रसाद ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, महिला की सर्जरी में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। बल्कि उसे तीन यूनिट खून भी चढ़ाया गया है। महिला की सिलाई भी दुरुस्त की गई थी। चिकित्सकों के अनुसार महिला एनीमिया रोग से पीडि़त थी साथ में वह डिस्मिनेटेड इंट्रावास्कुलर कोगुलेशन (डीआईसी) रोग से भी पीडि़त थी। यह रोग दुर्लभ होता है जिसमें रक्तस्राव लगातार होते रहता है। इसलिए इसमें अधिक से अधिक खून चढ़ाया जाता है।