बैंकों की हड़ताल 26 को
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के विलय के खिलाफ 26 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की घोषणा की गई है। इसके लिए 13 दिसंबर से ही प्रदर्शन शुरू हो जाएगा। बिष्टुपुर स्थित कला मंदिर परिसर में शनिवार को हुई सभा में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गई। सभा की अध्यक्षता करते हुए कामरेड सुजीत घोष ने बताया कि विलय के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने निम्न आंदोलनात्मक कार्यक्रम तय किए हैं, 10 दिसंबर को वित्तमंत्री को पत्र दिया जाएगा, तो इसी दिन यूएफबीयू हड़ताल की नोटिस देगी। 13 दिसंबर को बैंकों की मुख्य शाखा के समक्ष विलय के खिलाफ प्रदर्शन, 18 दिसंबर को काला बिल्ला पहना जाएगा, 24 दिसंबर को एकजुट होकर पूरे देश में प्रदर्शन किया जाएगा। 26 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी एकदिवसीय हड़ताल होगी। इससे पूर्व सभा में तीनों बैंको के विलय से होने वाले परेशानियों एवं हानि पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने केंद्र सरकार के निर्णय को जनविरोधी, कर्मचारी विरोधी एवं पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया निर्णय बताया।
ग्राहकों को भी होगी असुविधासभा में वक्ताओं ने कहा कि बैंकों के विलय से न सिर्फ बैंकों के ग्राहकों को असुविधा होगी, बल्कि उन्हें मिलने वाले फायदे में कमी आएगी। ग्राहकों को इस जगह से उस जगह दौड़ना पड़ेगा। वक्ताओं ने कहा कि आम जनता की जमा-पूंजी पर सरकार कॉरपोरेट घरानों को लोन-कर्ज देती है, उस कर्ज को न चुकाकर वे विदेश भाग रहे हैं। सरकार बैंकों के विलय के लिये बैंकों की आर्थिक स्थिति के कमजोर होने का हवाला दे रही है, जबकि सरकार को चाहिए कि बैंक के रुपये लेकर बैठे कारपोरेट, औद्योगिक घराने और बड़े व्यापारियों से बैंक के कर्ज को त्वरित गति से वसूले, इससे न सिर्फ बैंकों की स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि सरकार को पूंजी डालने की आवश्यकता भी नही पड़ेगी। विलय से कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जायेंगे, छंटनी और वीआररस के लिए कर्मचारियों को बाध्य भी किया जाएगा। ग्राहकों के खातों को किसी एक ब्रांच में भेजा जाएगा, लेकिन स्टाफ को एक ब्रांच में रखा नहीं जाएगा। इससे कार्य के अनुपात में स्टाफ की कमी रहेगी और काम का बोझ अधिक होने से ग्राहकों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पाएगी। एडवांस की मानिटरिंग या नियंत्रण सही तरीके से नहीं हो पाएगा और एनपीए बढ़ेगा। इसलिए सरकार के इस निर्णय का विरोध बैंक के कर्मचारी और अधिकारी ने यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के झंडे तले करने का निर्णय लिया है। लीडरों ने एकजुट रहकर विलय के खिलाफ लगातार आंदोलित रहने का आह्वान किया।
अपने विचार रखे इस सभा को झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन आरए सिंह, महासचिव आरबी सहाय, उपमहासचिव हीरा अरकने, सपन अदख आदि ने सभा को संबोधित किया। देना बैंक इम्प्लाइज एसोशिएसन के महासचिव अमिताभ घोष ने तीनों बैंकों के यूनियन के पदाधिकारियों की अहमदाबाद में हुई संयुक्त बैठक की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैंक ऑफ बड़ौदा के महासचिव प्रबाल टोपनो व विजया बैंक इम्प्लाइज यूनियन के महासचिव मोहन दुबे के अलावा एमके पांडेय व रविकांत ने भी अपने विचार रखे। इसमें बड़ी संख्या में महिला प्रतिनिधि भी शामिल थीं।