राज्यपाल ने किया राज्यस्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का आगाज
KHARASWAN: राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि तीरंदाजी के कारण पूरे देश में झारखंड का मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पहले भी आदिवासी समुदाय के बच्चे तीर-धनुष से खेलते थे। रामायण महाभारत के समय में तीर-धनुष आत्मरक्षा के लिये होता है और यह लोकप्रिय खेल बन गया है। राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू रविवार को खरसावां के अर्जुना स्टेडियम में 13वें राज्यस्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के उद्घाटन करने के पश्चात उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही। राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों में तीरंदाजी के पारपंरिक गुण है। उन्होंने कहा कि जो भी संस्थायें खेल को बढ़ावा देने मेंच्अच्छे कार्य कर रही है, उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
दिया है मंचराज्यपाल ने कहा कि झारखंड तीरंदाजी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन मुंडा व सरायकेला जिला तीरंदाजी संघ के अध्यक्षा मीरा मुंडा ने ग्रामीण तीरंदाजी प्रतिभाओं को तरास कर मंच देने का कार्य किया है। राज्यपाल ने कहा कि अर्जुन मुंडा और मीरा मुंडा आधुनिक युग के द्रोणाचार्य है। राज्यपाल ने कहा कि पौराणिक युग में धनुर्विद्या अर्जुन और कर्ण को द्रोणाचार्य ने सिखाया था। जबकि आधुनिक युग में अर्जुन मुंडा और उनकी पत्नी मीरा मुंडा युवाओं को धनुर्विद्या सिखा रहे हैं। इसलिए दोनों ही इस युग के द्रोणाचार्य हैं। उन्होने कहा कि तीरंदाजी के माध्यम से पूरे देश का नाम रौशन करने वाली तीरंदाज दीपिका कुमारी के सफलता के पीछे भी अर्जुन मुंडा व खरसावां का बड़ा योगदान रहा है।
तीरंदाजी में इतिहास रचेंगे : अर्जुन झारखंड तीरंदाजी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने तीरंदाजी सदियों से जुड़ा हुआ खेल रहा है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि वे बाइ नेम व बाई पोष्ट आर्चर है। आने वाले दिनों में तीरंदाजी के क्षेत्र में इंतिहास रचना है। इसी को लेकर श्रृखलाबद्ध तरीके से तीरंदाजी के खेल को आगे बढ़ाया जा रहा है। ओलंपिक खेलों में तीरंदाजी में स्वर्ण पदक लाने के लक्ष्य के साथ तीरंदाज आगे बढ़े। स्वगत भाषण तीरंदाजी संघ की अध्यक्षा मीरा मुंडा तथा धन्यवाद ज्ञापन संघ के सह सचिव उदय सिंहदेव ने दिया। पारंपरिक नृत्य से राज्यपाल का स्वगतकार्यक्रम के दौरान पारपंरिक संताली व मागे नृत्य के साथ राज्यपाल का स्वागत किया गया। राज्यपाल को प्रशासन की ओर से बंदिराम के पास बनाये गये हैलिपेड़ में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां जिला प्रशासन की ओर से डीसी छवि रंजन, एसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसडीएम बसारत कयुम व जिला तीरंदाजी संघ के सह सचिव उदय सिंहदेव ने पच्ष्प गुच्छ दे कर राज्यपाल की अगवानी की। मंच पर अर्जुन मुंडा व मीरा मुंडा ने पच्ष्प गुच्छ दे कर स्वागत किया। प्रतियोगिता राज्य के 18 जिला व दस यूनिट के कुल 656 तीरंदाज हिस्सा ले रहे है। सभी जिला व यूनिट के तीरंदाजों ने मार्च पाष्ट निकाला। उपाध्यक्ष छवि रंजन, एसपी चंदन सिन्हा, पूर्व विधायक मंगल सोय, संघ के सह सचिव जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सिंहदेव, जेएए के सचिव आशीष कुमार, शैलेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष अजय सिंह, ओलंपियन तीरंदाज रीना कुमारी, रोयना रॉय, हरेंद्र सिंह, धर्मेद्र तिवारी, डी साइश्वेरी राव समेतत अन्य मौजूद थे।
पहले दिन दिखा सिल्ली व रांची के तीरंदाजों का दमरविवार को खरसावां के अर्जुना स्टेडि़यम में शुरु हुए 13 वां राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के पहले दिन बिरसा मुंडा तीरंदाजी सिल्ली व रांची के तीरंदाजों ने बेहतर प्रदर्शन किया। सिल्ली के तीरंदाजों ने पांच स्वर्ण, सात रजत व तीन कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। दूसरे स्थान रांची जिला की टीम रही। रांची जिला ने चार स्वर्ण, चार रजत व रांच कांस्य पदक झटके। पूर्वी सिंहभूम व टाटा आर्चेरी एकादमी की टीम ने तीन-तीन स्वर्ण व दो-दो रजत पदकों पर कब्जा जमाया। पश्चिमी सिंहभूम जिला के कीरीबुरु एकलब्य तीरंदाजी केंद्र के तीरंदाजों ने दो स्वर्ण व एक कांस्य पदक जीता। पहले दिन मेजबान सरायकेला-खरसावां का प्रदर्शन निराशा जनक रहा। जिला के तीरंदाज लुथरु हांसदा एक कांस्य पदक अपने नाम करने में सफलता हासिल की। सभी पदक विजेताओं को पूर्व विधायक सह तीरंदाजी संघ के उपाध्यक्ष मंगल सोय, बीजेपी जिलाध्यक्ष सह तीरंदाजी संघ के सह सचिव उदय सिंहदेव, संजय बसु, हरेंद्र सिंह, उत्तम मिश्रा, बीएस राव, हिमांशु मोहंती ने मेड़ल पहना कर पुरस्कृत किया।