कोरोना से फिर एक मौत
JAMSHEDPUR: कोरोना से मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है। रविवार को बारीडीही की 68 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। 23 जुलाई को सांस लेने में परेशानी होने पर उसे टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया था। इसके बाद कोरोना जांच करायी गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। महिला की स्थिति लगातार बिगड़ते चली गई। रविवार की शाम करीब 7.45 बजे उसकी मौत हो गई। मृतक मधुमेह, उच्च ब्लडप्रेशर सहित अन्य बीमारी से भी ग्रस्त थी। शनिवार को कुल पांच लोगों की मौत हुई थी। टीएमएच व एमजीएम में अब तक कुल 33 मरीजों की मौत हो चुकी है।
जिले को मिले 20 वेंटिलेटरकोरोना से निपटने को लेकर राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन पूर्वी सिंहभूम जिले की तैयारी अधूरी ही है। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चार दिन पूर्व जिले को 20 वेंटिलेटर मिला। इसमें महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल को पांच व 15 कोविड केयर सेंटर में लगाना है लेकिन वह अभी तक वह स्टोर में ही पड़ा हुआ है। इस संदर्भ में जब सिविल सर्जन डॉ आरएन झा से पूछा गया तो वह व्यस्त होने की बात कहते हुए फोन काट दिए। मशीन कहां लगेगा और कौन चलाएगा, किसी को कुछ भी पता नहीं है। एक पदाधिकारी ने बताया कि वेंटिलेटर को चलाने के लिए विशेषज्ञों की टीम होती है लेकिन यहां सुविधा नहीं होने की वजह से नर्सों को प्रशिक्षण देकर उन्हें ही सौंपा जा सकता है। इधर, एमजीएम का हाल भी वही है। यहां भी प्रशिक्षित टेक्नीशियन नहीं है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वेंटिलेटर मशीन को चलाने के लिए एनेस्थेसिया चिकित्सकों की जरूरत होती है। हमारे पास पूर्व से एनेस्थेसिया चिकित्सकों की कमी है। अगर, उन्हें कोविड वार्ड में लगा दिया जाता है तो बाकी मरीजों की सर्जरी नहीं हो सकेगी। वेंटिलेटर सांस संबंधित मरीजों की ¨जदगी बचाने का काम आती है। यदि बीमारी की वजह से फेफड़े अपना काम नहीं कर पाते हैं तो वेंटिलेटर सांस लेने की प्रक्रिया को संभालने हैं।
अब एमजीएम व टीएमएच में भी होगी ट्रूनेट मशीन से जांचकोरोना मरीजों की अधिक से अधिक जांच करने के लिए अब महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल व टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भी ट्रूनेट मशीन से जांच होगी। टीएमएच में मशीन को इंस्टाल कर दिया गया है। सोमवार से शुरु होने की संभावना है। वहीं, एमजीएम में भी जल्द ही इंस्टाल कर दिया जाएगा। फिलहाल ट्रूनेट मशीन से सिर्फ जिला यक्ष्मा विभाग में जांच होती है। इससे रिपोर्ट डेढ़ घंटे के अंदर आ जाती है।